मंशा माता मंदिर पर कब्जे की साज़िश हुई नाकामयाब
राजगढ़/अलवर/ महेश चन्द्र मीना
राजगढ़, ग्राम फिरोज़पुर राजगढ़ में स्थित मंशा मातेश्वरी विराजमान के मंदिर पर बग़ैर भगत सिंघल परिवार तथा पांच गांवों की मंदिर विकास समिति की सहमति से धोखे से गुपचुप तरीके से अपने कुछ ख़ास लोगों तथा अपने घर के सभी सदस्यों की नक़ली समिति बनाकर मंदिर को अपने कब्जे में लेने की नियत से रजिस्ट्रेशन देवस्थान विभाग जयपुर में कराने के उद्देश्य से आवेदन किया गया था
इस क्रम में भक्त परिवार के ही सदस्य भम्बूराम भगत ने जंगलात ज़मीन पर नक़ली नक्शा व कागजात बनवाकर देवस्थान विभाग में दिये गये थे, मगर भगत परिवार व पांच गांवों की मंदिर विकास समिति को पता चलने पर समस्त परिवार व पांच गांवों के ग्रामीणों ने इसका विरोध स्थानीय प्रशासन के साथ साथ देवस्थान विभाग जयपुर न्यायालय में वाद किया, जिसकी काफ़ी सुनवाई के उपरांत न्यायालय देवस्थान विभाग जयपुर द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया रद्द कर परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया है।
ज्ञातव्य है कि पिछले काफी समय से इस मंदिर पर निजी आधिपत्य स्थापित करने का खुलासा होने के उपरांत समस्त भगत सिंघल परिवार को रोकने के लिए भम्बूराम के द्वारा मारपीट व चोरी के मुक़दमे के साथ बलात्कार की कोशिश जैसे अपराधों के अन्य मुकदमे परिवार वालों पर करवाये गये थे जिनकी जांच अभी चल रही हैं, जो क्षैत्र में काफ़ी समय से चर्चा का विषय रहा था, विदित है कि मंशा मातेश्वरी विराजमान की पुजा अर्चना सदियों से मीणा जाति के समस्त सिंघल गौत्र परिवार के सदस्यों द्वारा अबतक मिलजुलकर परिवार की सहमति से की जाने की परम्परा चली आ रही है। जिसकी पुजा वर्तमान में भी समस्त सिंघल परिवार की तरफ़ से की जा रही है।