क्रांति यात्रा पहुंची गांव परमदरा, रास्ते मे गांवो में ग्रामीणों ने किया साधु संतों और यात्रा में शामिल लोगों का भव्य स्वागत
आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को बचाने के लिए पिछले 190 दिनों से संघर्षरत आंदोलनकारी साधु-संत व ग्राम वासियों द्वारा रविवार से शुरू की गई क्रांति यात्रा । ब्रजवासी सम्मेलन में ब्रजवासियों ने ली ब्रज के पर्वत को बचाने की शपथ
डीग / भरतपुर / पदम जैन
ड़ीग -26 जुलाई आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को बचाने के लिए पिछले 190 दिनों से संघर्षरत आंदोलनकारी साधु-संत व ग्राम वासियों द्वारा रविवार से शुरू की गई क्रांति यात्रा सोमवार को दूसरे दिन आदिबद्री से चल कर गदरवास, खोह, टांकोली, गुहाना आदि गांवों में होते हुए अपने दूसरे दिन के पड़ाव गांव परमदरा में कल्याण की बगीची पहुंची जहां ग्रामवासियों ने यात्रा में शामिल साधु संतों और ब्रजवासियों का भव्य स्वागत किया । आदिबद्री से निकलने के बाद खोह, टांकोली व गुहाना आदि गांवों में सभाओ का आयोजन किया गया ।जिनमें उक्त गाँवो के लोगो ने आंदोलनकारियों का समर्थन करते हुए ब्रज के दोनों पर्वतों की रक्षा की शपथ ली । क्रांति यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को परमदरा में ब्रजवासी सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के गांवों के सैकड़ों बृजवासी, सरपंच व जनप्रतिनिधि सम्मिलित हुए । बृजवासी सम्मेलन में आंदोलनकारियों द्वारा ब्रजवासियों का स्वागत व अभिनंदन किया गया । बृजवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने कहा कि सच्चा बृजवासी वही है जो ब्रज भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दें। आज करो या मरो की स्थिति है। ब्रजभूमि का समूल नाश सरकारी तंत्र के सहयोग से खनन माफिया द्वारा किया जा रहा है। अगर हम आज नहीं जागे तो द्वापर कालीन अमूल्य धरोहर कनकाचल व आदिबद्री पर्वत का समूल नाश हो जाएगा जो हमारी सनातन संस्कृति व हमारे मूल अस्तित्व पर असहनीय आघात होगा । हरिबोल दास बाबा ने ब्रजवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस क्रांति यात्रा के माध्यम से हमें सरकार को ब्रज वासियों की एकता का संदेश देना है व साथ ही यह भी प्रदर्शित करना है कि बृजवासी व कृष्ण प्रेमी साधु संत ब्रजभूमि को ही कृष्ण मानते हैं उसकी रक्षा के लिए अपने प्राणों तक को न्योछावर करने के लिए सदैव तत्पर हैं। पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर ने बृजवासी सम्मेलन में उपस्थित गणमान्य ब्रजवासियों का पटका पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया व साथ ही संदेश दिया यह आंदोलन ब्रज के इतिहास में ब्रजभूमि की रक्षा के लिए ऐतिहासिक होगा। अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो सैकड़ों साधु संत ब्रजभूमि के लिए अपने प्राणों का त्याग करेंगे ।जिसके बाद देशभर में उत्पन्न होने वाली कानून व शांति अव्यवस्था की जिम्मेदार वर्तमान कांग्रेस की राज्य सरकार होगी।
क्रान्ति यात्रा के दौरान कृष्ण नाम व हरि नाम के कीर्तन का गान होता रहा। जगह- जगह ग्रामवासी व ब्रजवासी हरि नाम पर नृत्य करते हुए क्रांति यात्रा में शामिल होते गए। क्रांति यात्रा का रास्ते में पड़ने वाले सभी गावों में यात्रियों का माला पहनाकर एवं अल्पाहार करा कर गर्म जोशी से स्वागत सत्कार किया गया । मंगलवार को यात्रा परमदरा से निकलकर डीग में स्थित पीतम दास की बगीची पहुंचेगी । यात्रा में साधु संतों व सैकड़ों ग्रामीणों के आलावा मुख्य रूप से आदिबद्री के महंत शिवरामदास, भूरा बाबा, सरपंच सुल्तान सिंह, सत्यप्रकाश यादव, गोरांग बाबा, गोपाल बाबा आदि प्रमुख लोग शामिल है।