लॉक डाउन के चलते बेरोजगार हुए कुंभकार
गर्मी के मौसम में देशी फ्रिज कहे जाने वाले मिट्टी के मटके की बिक्री नहीं होने से मिट्टी के बर्तन व्यवसायियों के करीब 30 - 40 परिवार बेरोजगार हो गए हैं । डीग कस्बे में बनने वाले मिट्टी के बर्तनों की सप्लाई अलवर , भरतपुर व सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश सहित दूर दराज के क्षेत्रों में होती है
डीग भरतपुर
कोविड 19 के कहर के दौर में लॉक डाउन के चलते डीग कस्बे में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले प्रजापत समाज के लोगो पर काफी बुरा असर पड़ा है , गर्मी के मौसम में देशी फ्रिज कहे जाने वाले मिट्टी के मटके की बिक्री नहीं होने से मिट्टी के बर्तन व्यवसायियों के करीब 30 - 40 परिवार बेरोजगार हो गए हैं । डीग कस्बे में बनने वाले मिट्टी के बर्तनों की सप्लाई अलवर , भरतपुर व सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश सहित दूर दराज के क्षेत्रों में होती हैलेकिन लॉक डाउन के चलते मिट्टी के बर्तनों की बिक्री ठप्प पड़ी है जिसके कारण इसी व्यवसाय पर निर्भर 30 से 40 परिवारों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी है । बर्तन व्यवसायियों के अनुसार इन बर्तनों की बिक्री के लिए होली के बाद के शुरुआती 2 महीने अति महत्वपूर्ण होते हैं , जिसमें मार्च से अप्रैल तक बर्तनों की खूब बिक्री होती है लेकिन कोरोना महामारी के कारण बर्तनों की सप्लाई काफी प्रभावित हुई है
डीग से पदम जैन की रिपोर्ट