मानव को मन्दिर की नहीं बल्कि ध्यान की ज्यादा आवश्यकता- मुनि सुधा सागर
जहाजपुर (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बृजेश शर्मा) चवलेशर पार्श्वनाथ मन्दिर से खजूरी की धरती पर विहार करते हुए विधालय प्रागण मे भक्तो के बीच निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव जिज्ञासा समाधान प्रतिपादक 108 श्री सुधासागर महाराज ने प्रवचन मे कहा है सिद्ध भगवान को मूल नायक नहीं बनाया जा सकता जितने भी भगवान होते है अनंत होते है उसका कारण है । मन्दिरो का व मूर्ति का संबध श्रावक से है।
महाराज ने कहा कि मुनि महाराज के लिए ना तो अनंत कि जरुरत है ना ही सिद्ध कि मुनि महाराज अनंत महाराज कि पूजा नहीं करते बल्कि उनका ध्यान करते है महाराज ने ध्यान एवं पूजा मे अंतर बताया जो जिसका ध्यान करते है उसके मन मे वेसा ही बनने का भाव उत्पन होता है मानव को मन्दिर कि नहीं बल्कि ध्यान कि ज्यादा आवश्यकता है अपने जीवन में ध्यान से शरीर में ऊर्जा का जन्म होता है
महाराज ने बताया कि हर व्यक्ति कही न कहीं से तृप्त है। व्यक्ति के जीवन में काफी इच्छाएं होती है जिसे पूर्ण नहीं कर पाता लेकिन एक ऐसी शक्ति का होना अनिवार्य है जिसका नाम मात्र से ही रुके कार्य पूर्ण हो जाए। इस आयोजन में कोटा, मंदसौर, बूंदी, भीलवाड़ा, उज्जैन से भक्तजन उपस्थित हुए। इस पावन बेला पर खजूरी ग्राम मे चवलेश्वर पार्श्वनाथ से विहार करते महाराज को अशोक कुमार गोधा, राजेंद्र गोधा, मुकेश गोधा, राजू कासलीवाल के सहित कई भक्तजनों ने 108 श्री सूधासागर महाराज को श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।