रूण में मुस्लिम तेली समाज नहीं करेंगे दसवां (मृत्युभोज)
नागौर (राजस्थान/ मोहम्मद शहजाद) नागौर जिले में मेड़ता के निकटवर्ती गांव रूण में मुस्लिम समाज के एक और परिवार ने दसवां (मृत्युभोज) नहीं करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग में वरिष्ठ लिपिक अब्दुल सलीम की बुजुर्ग मां की मृत्यु 5 दिन पहले हुई थी, इसीलिए इनके मरहूम ईसाकखां और मरहूम इलाहीबख्श खां परिवार के सदस्यों ने एक अहम बैठक का आयोजन किया और कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए हस्ताक्षर युक्त लिखापढ़ी करके मृत्युभोज नहीं करने का अहम निर्णय लिया। परिवार के हाजी मोहम्मद फारूख और रुस्तम अली ने बताया इस महामारी के समय प्रशासन का साथ देना हमारा फर्ज बनता है और इस फिजूलखर्ची को रोकने के लिए परिवार में मृत्यु भोज नहीं किया जाएगा। इस मौके पर वरिष्ठ लिपिक अब्दुल सलीम और आबिद अली ने कहा कि मृत्यु भोज पर होने वाला फिजुल खर्च हम सामाजिक, धार्मिक और शिक्षा पर खर्च करेंगे। उन्होंने बताया कि आज के महामारी समय में बचाव ही उपचार है, हमें भीड़भाड़ नहीं करके प्रशासन का साथ देना है। गौरतलब है कि वर्ष 2006 में खोखर परिवार तथा 2020 कोरोना काल में मरहूम मौला बख्श के परिवार ने भी मृत्युभोज नहीं करने की शपथ ली और उस पर अभी भी बरकरार है जिसको प्रशासन ने भी सराहा। इस मौके पर हाजी मोहम्मद फारूख, अब्दुल मजीद, रुस्तम अली, अनवर अली, कुदरत अली, गबरुदीन, गुलाम मुस्तफा, इस्लाम मिस्त्री, रशीद अली, वहीद अली, अब्दुल सलीम, आबिद अली, मोहम्मद रफीक और जावेद सहित अन्य जने उपस्थित थे।