जिले में अब कम्युनिटी संक्रमण, सतर्कता बरतें आम नागरिक- जिला कलेक्टर
पंचायत समिति गोविन्दगढ में 35 लाख के गबन मामले में बोले कलेक्टर, अधिकारियों ने जानते हुए लापरवाही की है तो होगी कार्यवाही
रामगढ़ (अलवर, राजस्थान) जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया शुक्रवार देर से आए रामगढ़ एसडीएम एवं तहसील कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान बढ़ते हुए कोविड के प्रभाव को लेकर डीएम ने प्रशासनिक, पुलिस एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। जिला कलेक्टर ने माना कि अब जिले भर में कम्युनिटी संक्रमण फैल चुका है। इसलिए अत्यंत सतर्कता की आवश्यकता है। डीएम ने कहा कि रामगढ़ क्षेत्र में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ है। बावजूद इसके अब प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का प्रयोग करें। एवं प्रथम पंक्ति में कार्यरत सभी लोग बूस्टर डोज लगवाएं। साथ ही आमजन के बीच ज्यादा से ज्यादा मास्को का प्रयोग करवाएं। इस दौरान एसडीएम कैलाश चंद शर्मा, तहसीलदार घमंडी लाल मीणा, विकास अधिकारी प्रहलाला मीणा, थाना अधिकारी रामनिवास मीणा, चिकित्सा अधिकारी डॉ. बाबूलाल व डॉ. इरशाद खान आदि मौजूद रहे।
वहीं दूसरी तरफ पंचायत समिति गोविंदगढ़ में सरकारी खजाने का 35 लाख रुपया आम नागरिक के खाते में चले जाने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों पर 21 दिन बाद भी कार्यवाही नहीं होने को लेकर जिला कलेक्टर से सवाल जवाब किए गए मीडिया कर्मियों ने कलेक्टर से पूछा कि इतना बड़ा मामला होने के बावजूद भी पंचायत समिति के कार्यवाहक विकास अधिकारी प्रह्लाद मीणा और लेखा अधिकारी सुरेंद्र कुमार पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई । इस प्रश्न पर डीएम ने कहा कि खजाने का पूरा पैसा वापस जमा हो गया है।
डीएम ने कहा कि गलती जानबूझकर की जाती तो कार्यवाही भी करते।पैसा गलती से दूसरे के खाते में चला गया था। जो रिपोर्ट दर्ज होने के कारण खाताधारक द्वारा जमा करवा दिया गया।
मीडियाकर्मियों ने पूछा कि जिम्मेदार अधिकारियों को कई महीने पहले से ही पता था कि खाता हवा सिंह के नाम से अपलोड है। उसके बावजूद अधिकारियों ने सरकारी लगभग 35 लाख रुपये गलत खाते में जाने दिए
जिस पर डीएम ने कहा कि उनकी जानकारी में नहीं है कि और यदि खजाने का पैसा गलत खाते में जाने का अधिकारी को पता था तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।
डीएम से पूछा गया कि पैसा जमा हो जाने से अधिकारी की गलती अथवा लापरवाही कह देने से अपराध का ना होना कैसे माना जा सकता है।
जिस पर डीएम ने कहा कि: यदि अधिकारियों को 14 जून को ही गलत खाता अपलोड होने की जानकारी थी। तो सीओ साहब से बात कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जरूर कार्यवाही की जाएगी।