अब नही फूलेंगी इशिका की सांसे, आरबीएसके ने दी इशिका को नई ज़िन्दगी- कुमार
सिरोही (राजस्थान/ रमेश सुथार) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सिरोही जिले के रेवदर की इशिका पुत्री प्रवीण कुमार के जन्म से ही ह्रदय रोग की बीमारी से ग्रस्त थी। जन्मजात ह्रदय रोग के कारण इशिका को काफी परेशानी होती थी। पिता प्रवीण कुमार ने इशिका के बारे सरकारी अस्पताल की आरबीएसके टीम को जानकारी दी तो आरबीएसके की टीम डॉ. इमरान खाँ, डॉ. अंकित मय टीम सदस्य ने उसकी स्क्रीनिंग की। स्क्रीनिंग के बाद अतिरिक्त जिला नोडल अधिकारी डॉ. नरेश कुमार ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इशिका को उच्च चिकित्सा संस्थान पर जन्मजात ह्रदय रोग के ईलाज के लिए मेडि प्लस हॉस्पिटल जोधपुर उपचार हेतु रैफर कर दिया गया। जहाँ पर नौनिहालों का सफलता पूर्वक नि:शुल्क उपचार किया गया। सफल सर्जरी के बाद अब इशिका स्वस्थ हैं।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया की आरबीएसके कार्यक्रम में विशेषकर बच्चों में संभावित होने वाले जन्मजात विकार, शारीरिक दक्षता में कमी, बीमारियां, विकास अवरूद्ध संबंधी विकार एवं अयोग्यता को पहचान कर उनका प्रभावी उपचार सुलभ करवाना मुख्य ध्येय है। इस कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समस्त राजकीय चिकित्सालयों के साथ ही प्रतिष्ठित निजी चिकित्सालयों में भी रैफर किये बच्चों को उच्च उपचार सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध करवायी जा रही हैं।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विवेक कुमार ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों का उपचार किया जाता है, आरबीएसके की मोबाइल हेल्थ टीम विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों, शिक्षा संस्थानों पर जाकर लगभग 38 बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के उपचार मे मदद करती है, मोबाइल हेल्थ टीम बच्चों की जांच कर उस अनुरूप की जाने वाली चिकित्सा हेतु बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कॉलेज एवं निजी एम्पेनेलित अस्पताल पर रेफर किये जाते है, वहाँ इन बच्चों का निःशुल्क उपचार किया जाता है।