सावन के पहले दिन मेघों ने गाई मल्हार, बरसे झमाझम
बयाना,भरतपुर
बयाना 06 जुलाई। बयाना के आसमान में कई दिनों से छाए घने बादल सोमवार शाम को सावन के पहले दिन झमाझम बारिश के साथ ऐसे बरसे जैसे बादल सावन की मल्हार गा रहे हों। शाम को आधे घंटे से भी अधिक समय तक हुई जोरदार बारिश से कस्बे के नाले नालीयां व सडकों पर भारी पानी उफन पडा था। कई लोगों ने बारिश के पानी में नहाने का लुत्फ भी जमकर उठाया। खेत खलिहानों में भी पानी उफन पडा था। जिसे बारिश के बाद देखते देखते धरती ऐसे पी गई। जैसे बरसों की प्यासी हो। इस मानसून सत्र की यह तीसरी बरसात थी। जो अब तक की सबसे जोरदार बारिश बताई। इससे पहले यहां इस मानसून की गत 29 व 26 जून को कुल 36 एमएम वर्षा हुई थी। सोमवार शाम को हुई जोरदार बारिश से तापमान में काफी गिरावट आने और सुहानी हवाऐं चलने के बाद उमस भरी गर्मी से बैचेन लोगों को राहत मिली है।
इस बारिश से खेत खलिहानों सहित कस्बे की तमाम सडकों व नाले नालीयों में पानी उफन पडा। कस्बे के नालों की ठेके हो जाने के बावजूद सफाई नही कराए जाने से बरसाती पानी को इन नालों से होते हुए आगे निकलने में काफी रूकावट हुई कस्बे के बाजारों सहित कई जगह पानी भर गया था। नागरिकों की माने तो पंचायत समिती रोड, भगवती काॅलोनी व रीको क्षेत्र में होकर निकलने वाले नाले सहित अन्य नालों की जल्द ही सफाई नही कराई गई तो आने वाले बरसाती सीजन में बडी समस्या पैदा हो सकती है। इधर किसानों का कहना था कि इस बरसात से खरीफ की फसल को काफी लाभ होगा। उन्हें इस बरसात का बेसब्री से इंतजार था। किसानों का कहना था कि धीमी धीमी बारिश खेतों के लिए ज्यादा लाभदायक होती है और खेतों की उर्वरा शक्ति बढने के साथ ही भूमिगत जलस्तर में भी काफी वृद्धि होती है। जबकि तेज बारिश से खेतीबाडी को फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है।
- बयाना संवाददाता राजीव झालानी की विशेष रिपोर्ट