आंदोलनकारियों ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को बचाने के लिए ली सौगंध
साधुओं ने कहा ब्रज के पर्वतों को खनन मुक्त कराना ही सच्ची गुरु दक्षिणा, क्रांति यात्रा की तैयारियां जोरों पर आज महापूजन के बाद गांव पसोपा से प्रारम्भ होगी यात्रा
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) ब्रज के पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त कराने के लिए डीग के गांव पसोपा में जारी धरने के 187 वे दिन शनिवार को आंदोलनकारियों ने कई गांव में जाकर रविवार से शुरू है रही क्रांति यात्रा में शामिल होने के लिए ग्रामीणों से जनसंपर्क किया किया। आंदोलनकारियों को आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने कहा कि कृष्ण ही विश्व के गुरु हैं। 'कृष्णम वंदे जगदगुरूम' और श्री कृष्ण की सच्ची गुरु दक्षिणा यही है कि हम उनके धाम की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि ब्रज के इन पर्वतों को बचाकर एवं खनन मुक्त कर व ब्रज के पर्यावरण व प्राकृतिक संपदा का रक्षण कर हम सच्चे अर्थों में श्री कृष्ण को गुरु दक्षिणा अर्पित कर सकते हैं ।
शास्त्री ने कहा कि क्रांति यात्रा के माध्यम से ब्रज के पर्वतों को खनन मुक्त करने के लिए जारी संघर्ष अपने अंतिम चरण में है। सरकार के वायदा करने के बाद भी इन दोनों पर्वतों को खनन मुक्त नहीं कर रही है तथा प्रशासन मूक बैठा हुआ है, अब आवश्यकता है कि साधु संत ही आगे आकर इन पर्वतों को, जो कि हमारी आस्था का केंद्र हैं, खनन मुक्त करा कर ब्रज की संस्कृति की रक्षा करें । समिति के अध्यक्ष महंत शिवरामदास के नेतृत्व में सैकड़ों लोगो ने आस पास के गांवों में क्रांति यात्रा को लेकर जनसंपर्क किया व गांव गांव जाकर सभी को इस क्रांति यात्रा में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया । आंदोलनकारियों की यह निर्णायक कांति यात्रा 25 जुलाई से गांव पसोपा से प्रारंभ होगी। रविवार को ब्रज रक्षण महापूजन व यज्ञ के साथ इस कांति यात्रा का आगाज किया जाएगा । यह कांति यात्रा रविवार को पसोपा से चलकर आदिबद्रीनाथ धाम पहुंचेगी जहां आदिबद्रीनाथ के चरणो में ब्रज के रक्षण के लिए विशेष महापूजन व प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी । इस अवसर पर कई संत महात्मा और बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।