प्रधानाचार्य पदोन्नति अनुपात परिवर्तन की तैयारी का विरोध
नारायणपुर अलवर
नारायणपुर । कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी के चलते विरोध का तरीका बदल गया है। राजस्थान के शिक्षा अधिकारियों का एकमात्र संगठन राजस्थान शिक्षा सेवा संघ, रेशा ने शनिवार को ट्विटर पर विरोध दर्ज करते हुए अभियान चलाया, जिसमें राजस्थान ने टॉप ट्रेंड किया। प्रधानाध्यापक रेशा सदस्य सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रधानाध्यापक l-14 का पद है जबकि व्याख्याता l-12 का पद है। प्रधानाध्यापक एक प्रशासनिक पद है जिसकी सीधी परीक्षा में बैठने के लिए 5 वर्ष के शिक्षण अनुभव की आवश्यकता होती है, जबकि व्याख्याता में कोई अनुभव आवश्यक नहीं है। सभी विभागों में सीनियर चैनल से पदोन्नति होती है इसलिए l-12 को सीधे प्रधानाचार्य l-16 पर पदोन्नति देना राज्य सरकार पर अनावश्यक वित्तीय भार पड़ेगा। इस अनावश्यक भार को रोकने के लिए प्रधानाचार्य पदोन्नति का 67 अनुपात 33 को नहीं बदलना चाहिए।
सुनील कुमार शर्मा की रिपोर्ट