अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किया याद
लाल बहादुर शास्त्री, स्वतंत्रता सेनानी लीला रॉय, एनी बेसेंट की जयंती और के. कामराज व राजकुमारी अमृत कौर की पुण्यतिथि मनाई
बगड़/ झुन्झुनूं / सुमेर सिंह राव
आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में झुन्झुनूं जिले के बगड़ कस्बे में पार्षद माया सैनी के नेतृत्व में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के आंदोलनों से जुड़े अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया। सादगी के प्रतीक जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानी लाल बहादुर शास्त्री, महिला अधिकारों की समर्थक थियोसोफिकल महिला भारत की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली स्वतंत्रता सेनानी श्रीमती एनी बेसेंट, स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी की सहयोगी रही संविधान सभा की सदस्य लीला रॉय की जयंती मनाई। स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी की सहयोगी रही देश की प्रथम स्वास्थ्य मंत्री स्वतंत्रता सेनानी राजकुमारी अमृत कौर और भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी के. कामराज की पुण्यतिथि मनाई। इस मौके पर गांधीवादी नेता रणजीत सिंह चंदेलिया ने कहा- आज पूरा विश्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मना रहा है। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस शिक्षा और जन जागरूकता के द्वारा अहिंसा के संदेश को प्रसारित करने का एक अवसर है। इसके अलावा यह प्रस्ताव और संकल्प अहिंसा के सिद्धांत की सार्वभौमिक प्रासंगिकता और शांति, सहिष्णुता, समझ और अहिंसा की संस्कृति की रक्षा करने की इच्छा की पुष्टि करता है। जीवन में सादगी, सरलता और समर्पण के लिए महात्मा गांधी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने कहा- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंसा के दौर में पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया था। सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलकर हिंदुस्तान को आजादी दिलाई थी। आज पूरी दुनिया को महात्मा गांधी के विचारों को ग्रहण करने की आवश्यकता है तभी दुनिया में शांति कायम रह सकती है। “मौजूदा अशांत दौर में हिंसा कई स्वरूपों में सामने आती है: जलवायु एमरजेंसी के विनाशकारी प्रभावों से लेकर हिंसक संघर्ष से होने वाली तबाही तक; ग़रीबों के लिए तिरस्कार से लेकर मानवाधिकार उल्लंघन के अन्याय और नफ़रत भरी बोली और भाषणों के नृशंस प्रभावों तक।” राष्ट्र और समाज का नेतृत्व करने वाले नेता अपने स्वार्थ के लिए नफरत भरी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर हम सभी को ये समझना होगा कि शांति के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
इस मौके पर पूर्व पार्षद मुकेश सैनी, रणजीत सिंह चंदेलिया, संदीप स्वामी, धर्मपाल गांधी, पार्षद माया सैनी, अंकिता शर्मा, अनिल सैनी, विकास कुमार आदि अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।