संगम विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए पूर्णतया तैयारः प्रो.सक्सेना
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) समय की आवश्यकता है. की आज विद्यार्थियों को केवल सैद्धातिक शिक्षा की जगह कौशल आधारित व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया जाए , जिससे उनकी रोजगार परखता एवं उद्यमशीलता का विकास हो सके। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए संगम विश्वविधालय पूर्ण रूप से तैयार है । यह बात सोमवार को संगम विश्वविधालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो करुणेश सक्सेना ने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों के इतिहास पर गौर करे तो पाते है की स्वतंत्रता के पश्चात देश की पहली शिक्षा नीति वर्ष 1968 में डॉ .डी एस कोठरी कमीशन के द्वारा लाई गई थी, यहाँ यह कहना प्रासंगिक होगा की डॉ.डी एस कोठरी उस समय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यू जी सी ) के अध्यक्ष थे एवं मूलतः उदयपुर से आते है , तत्पश्चात दूसरी शिक्षा नीति वर्ष 1986 में प्रस्तुत की गई जिसके अंतर्गत 10 + 2 + 3 शिक्षा का ढांचा दिया गया ।
इस नीति में 1992 में आंशिक संशोधन किया गया अब अनेक वर्षों के बाद 29 जुलाई 2020 को नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया है,जिसके अंतर्गत ग्रोस एनरोलमेंट रेश्यो ( जी ई आर ) जो वर्तमान में 27 प्रतिशत के आसपास है इसको तेजी से बढ़ाकर वर्ष 2035 तक 50 प्रतिशत तक ले जाने की योजना है । इसको प्राप्त करने के लिए अनेक नवीन विश्व विद्यालय , महाविद्यालय का निर्माण करना होगा तथा वर्तमान में स्थापित उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता एवम् क्षमता , संवर्धन के लिए एक कार्य योजना बनानी होगी । संगम विश्वविधालय लगभग एक दशक से गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करता आ रहा है । इसके पूर्व छात्र राष्ट्रीय स्तर पर कई संस्थानों में मुखियाओं के रूप में कार्यरत है इस विश्ववि द्यालय को शीघ्र ही नेक के द्वारा उच्च ग्रेड प्राप्त करने की आशा है । संगम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर राजीय महता ने कहा की संगम विश्वविद्यालय में शीघ्र ही कौशल विकास केंद्र तथा उधमता विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी । कौशल विकास कार्यक्रम के तहत देश में 36 सेक्टर इंडिया काउंसिल कार्यरत है । संगम विश्वविधालय इनके द्वारा संचालित अनेक कार्यक्रमों को प्रारम्भ करने की योजना भी बना रहा है । प्रो .महता ने बताया की वर्तमान में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में एमबीए , बीबीए , बीकॉम , स्कुल ऑफ साइस के अंतर्गत बीएससी और एमएससी , स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के अंतर्गत एलएलबी , एलएलएम , बी ए एलएलबी प्रोग्राम , स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी के अंतर्गत बीएससी एग्रीकल्चर प्रोग्राम , स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के अंतर्गत बीटेक , एमटेक बीसीए एमसीए डिप्लोमा , फायर सेफ्टी डिप्लोमा प्रोग्राम , स्कूल ऑफ फार्मेसी के अंतर्गत बी फार्मा , डी फार्मा , स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड हामनिटीज के अंतर्गत बीएए प्रोग्राम , स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज में फैशन, इंटीरियर , ग्राफिक्स प्रोग्राम चल रहे है। अन्य गतिविधियों में एनसीसी आदि भी क्रियान्वित है । विश्वविद्यालय द्वारा मेधावी एवम् गरीब छात्रों के लिए ' स्कॉलरशिप का प्रावधान भी किया जाता है जिसके अंतर्गत मेधावी छात्रों को श्वविद्यालय द्वारा छात्रवृत्ति भी दी जाती है इसी तरह ऐसे विद्यार्थी जो पारिवारिक दृष्टि से आर्थिक स्थिति में कमजोर होते हैं उन्हें भी छात्रवृत्ति दी जाती है । छात्राओं के लिए जो कि तकनीकी शिक्षा में अध्ययन करना चाहती है अलग से छात्रवृत्ति का प्रावधान है । संगम विश्वविधालय के जन जनसंपर्क अधिकारी राजकुमार जैन ने बताया कि खेलकूद में भी राज्य स्तरीय , राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर के विद्यार्थियों को भी स्कॉलरशिप दी जाती है।