बुखार में इलाज के दौरान 3 बच्चों की मौत से फैली सनसनी, डेंगू की जताई जा रही आशंका
चिकित्सा विभाग की टीम गांव में कर रही लगातार कार्य, अचानक फैली बीमारी से गांव में दहशत का माहौल..
काेराेना के बाद अब डेंगू बुखार का बढ़ा प्रकोप, हर महीने सफाई पर लाखो खर्च, फिर भी पनपे मच्छराे से फैल रहा डेंगू
कामां (भरतपुर, राजस्थान) कामां क्षेत्र के गांव इन्दौली का है मामला, तेज बुखार और डेंगू से 3 बच्चों की मौत का प्रकरण
- ब्लॉक सीएमएचओ डॉ केडी शर्मा मामले को लेकर बेहद गंभीर
- चिकित्सा विभाग की अलग-अलग टीम भेजकर 500 घरों का कराया सर्वे
- बुखार खांसी जुखाम से गांव में 82 बच्चे बुजुर्ग युवा बीमार
- गांव में सात जनों की पाई गई है डेंगू बीमारी
- डेंगू और बुखार की बीमारी की वजह से गांव में दहशत का माहौल
प्रदेश में मौसम बदलाव के साथ ही वायरल और डेंगू बुखार बेकाबू हाेने के साथ ही चिकित्सा निदेशालय ने वेबसाइट से डेंगू मरीजाें की सूची हटा दी है। चिकनगुनिया व स्वाइन फ्लू के मरीजाें की संख्या इसबार नहीं बढ़ी है, इसलिए उनकी सूची काे यथावत रखा है।
धरातल पर देखें ताे जगह-जगह कचरे के ढेर और गंदगी से अटी नालियाें से पनपे मच्छराें के कारण ही वायरल और डेंगू के मरीज बढ़ रहे है। इसी कारण सरकारी और प्राइवेट अस्पतालाें की ओपीडी और वार्ड बुखार के मरीजाें से भरे हुए हैं। है।
चिकित्सा विभाग ने कहा- डेंगू या किसी और बीमारी की पुष्टि नहीं हुई
मेवात के कामा क्षेत्र के करीब 12 गांवो में बुखार का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है। बुखार के प्रकोप से जूझ रहे गांवों मे कामां तहसील के विलग गांव, इंद्रोली गांव, सबलाना गांव, लाड़लाका गांव, विलोंद गांव, बड़कली गांव, मुसेपुर गांव, उदाका गांव, ढिलावती गांव, पाई गांव और जुरहरा में अब भी 40 से ज्यादा लोगों को बुखार है। चिकित्सा विभाग लगातार गांव में सर्वे कर रहा है। साथ ही घर-घर जाकर लोगों को दवाएं दी जा रही हैं।
लोगों का कहना है कि- यह बढ़ती मौतें डेंगू की वजह से हुई हैं, दूसरी तरफ चिकित्सा विभाग के अधिकारी डेंगू से मौतें होने से साफ मना कर रहे हैं। लेकिन चिकित्सा विभाग न तो डेंगू की पुष्टि कर रहा है और न ही किसी और बीमारी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र मे तेज बुखार से पिछले 25 दिनों में लोगों की 12 मौत हो चुकी हैं। इनमें पांच बच्चे बताए जा हैं।
गांवों में डेंगू की फ़ेल रही अफवाह, कई बीमारियों में कम हो जाती हैं प्लेटलेट्स- केडी शर्मा
कामां के BCMHO केडी शर्मा ने बताया कि मौसमी बीमारी के कारण कस्बे में तेज बुखार से मौतें हो रही हैं। जिन इलाकों में बुखार से ग्रसित लोगों की खबरें आ रही हैं, वहां जाकर लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। कुछ गांव में डेंगू के भी 7 मरीज सामने आए, इलाज के लिए कामां रेफर कर दिया गया
पिछले दिनों इलाके में बीमार लोगों की मौत की सूचना मिली थी। जब उनकी जानकारी ली गई तो ज्यादातर संख्या बुजुर्गों की मिली। कई मौतें हार्टअटैक से हुई हैं। उनको लेकर भी डेंगू की अफवाह फैला दी गई है। जिन बच्चों की मौतें हुई हैं, उनमें थैलेसीमिया बीमारी सामने आई है। बाकी की जिन लोगों की मौतें बुखार से हुई हैं उनकी पुष्टि न तो डेंगू में हो पाई है और न ही मलेरिया में। मौसमी बीमारियों में मौत के कारण कई हो सकते हैं।
कई मौसमी बीमारी की वजह से लोगों के प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, गिरते प्लेटलेट को लेकर लोगों को लग रहा है की वह मौत डेंगू की वजह से हुई है।, हालांकि सभी इलाकों का सर्वे किया जा रहा है, लेकिन उनमें डेंगू या मलेरिया की बात सामने नहीं आ रही। यह समय मौसमी बीमारी का ऐसे मे गांवों में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां चलती है। अगर किसी भी इलाके में एक अफवाह उड़ती है की डेंगू से मौत हो गई तो हर होने वाली मौत को डेंगू से जोड़ दिया जाता है।
कुछ दिनों पहले इंद्रोली गांव से लोगों के बीमार की सूचना आई थी, जो गंभीर बीमार थे। उन्हें कामां CHC के लिए रेफर कर दिया गया है। जो सामान्य बीमार थे, उन्हें घर पर ही उपचार दे दिया गया है। सभी इलाकों में एंटी लार्वा और फॉगिंग का काम जारी है। जहां-जहां सूचना आ रही है, मेडिकल टीम वहां काम कर रही है।
इंद्रोली गांव में चार दिनों के अंदर 3 बच्चों की मौत हो चुकी है। उसकी सूचना चिकित्सा विभाग के पास आ गई है इनमे भूरा फकीर (11), सलोनी (12) आशा (14), तीनों बच्चों को कई दिनों से बुखार था। तीनों की अचानक मौत हो गई। गांव में कई बच्चों सहित और लोग भी बीमार हैं। CMHO केडी शर्मा का कहना है कि:- लाड़लाका गांव में मेडिकल टीम को भेजकर गांव में सर्वे करवाया जा रहा है। इसके साथ ही गांव में बीमार लोगों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी और पता चल हो पाएगा कि गांव में किस तरह की बिमारी फैली हुई है।