गुर्जर समाज ने आंदोलन को समर्थन देते हुए ब्रज भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक को न्यौछावर करने का किया ऐलान
क्रांति यात्रा बुधवार को पहुंची गांव पांहोरी
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/पदम जैन) ब्रज क्षेत्र के पर्वत आदिबद्री व कनकाचल को खनन मुक्त कराने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के 194 वे दिन बुधवार को क्रांति यात्रा गांव पांहोरी पहुंची।
क्रांति यात्रा के चौथे दिन यात्री डीग से चल कर गांव नारायना, काइका गावो में होते हुए पान्होंरी पहुंचे । रास्ते मे सभी गांवो में ब्रजवासियों ने सभी यात्रियों का बड़े भक्ति भाव से स्वागत किया । क्रांति यात्रा में शामिल आंदोलनकारियों ने सभी ब्रज वासियों से ब्रज के पहाड़ों की रक्षा की इस अंतिम लड़ाई में अपना सहयोग देने का आह्वान किया। जिस पर इन गांवों के प्रमुख लोगो ने यात्रियों व इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे ब्रज संरक्षण समिति के आयोजक राधाकांत शास्त्री, पूर्व विधायक गोपी गुर्जर को माला पहनाकर संकल्प लिया कि वह हर स्थिति में ब्रज के पहाड़ों की इस लड़ाई में साधु संतों के साथ खड़े रहेंगे ।
यात्रा में शामिल लोगों और गांव वासियों को संबोधित करते हुए साध्वी मधुबनी ने कहा की अब समय आगया है राजस्थान के मुख्यमंत्री अपना वायदा निभाए और 4 अगस्त से पूर्व आदिबद्री व कनकाचल को खनन मुक्त करें ।
वरना ब्रज की साध्वियाँ भी इस लड़ाई में अब पीछे नहीं हटेंगी, वह न केवल आमरण अनशन पर बैठेंगी अपितु हो सकता है कि कुछ अपने प्राणों तक का बलिदान ब्रज के इन पर्वतों की रक्षा के लिए कर दें। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार इस बात को याद रखें कि जब भी ब्रज भूमि पर संकट आया है तब साधु-संतों ने ही बिगुल बजा कर ब्रज भूमि की रक्षा की है। फिर वह चाहे मुसलमान शासक हो, अंग्रेज शासक हो या वर्तमान में राजनीतिक दलों की सरकार हो ब्रज का साधु किसी भी स्थिति में व्रजभूमि व ब्रज के परम आराध्य पर्वतों को नष्ट नहीं होने देगा । क्रांति यात्रा के पांहोरी पहुंचने पर वंहा एक विशाल गुर्जर महा सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें गुर्जर समाज के प्रतिष्ठित व गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
सभा में महंत महामंडलेश्वर महावीरदास ने घोषणा करते हुए कहा कि ब्रजभूमि व ब्रज के पर्वत, यह साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है। और गुर्जर समाज किसी भी स्थिति में अपने कृष्ण के स्वरूप इस ब्रजभूमि का विनाश नहीं होने देगा। उन्होंने समस्त यात्रियों व साधु-संतों को पूर्ण आश्वस्त किया इस लड़ाई में संपूर्ण गुर्जर समाज हर संभव तरीके से उनके साथ है । उन्होंने यहां तक कहा कि प्रस्तावित आमरण अनशन में भी कई गुर्जर प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। किशन कुंड के महंत शिवनाथ ने घोषणा की कि जब तक दोनों पर्वत खनन मुक्त होकर संरक्षित नहीं हो जाते हैं तब तक गुर्जर समाज वर्तमान सरकार का कोई सहयोग नहीं देगा साथ ही वर्तमान कांग्रेस सरकार का बहिष्कार करेगा। उन्होंने कहा कि गुर्जर ब्रजभूमि का सदा से रक्षक रहा है और इन पर्वतों पर प्रहार हर गुर्जर की आत्मा पर प्रहार है इसलिए किसी भी स्थिति में जब तक इन दोनों पर्वतों का संरक्षण नहीं हो जाता है
ब्रज क्षेत्र का कोई भी गुर्जर चैन से नहीं बैठेगा। यात्रा को संबोधित करते हुए पांहोरी के महंत शिवराम दास ने सभी उपस्थित गुर्जर समाज के लोगों को संकल्प व शपथ दिलाई कि जब तक ब्रज के दोनों पर्वत आदिबद्री व कनकाचल पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हो जाते हैं एवं खनन मुक्त नहीं हो जाते हैं तब तक गुर्जर समाज किसी भी स्थिति में इस वर्तमान सरकार का कोई सहयोग नहीं करेगा तथा आगामी आमरण अनशन व साधु संत के हर प्रकल्प में बढ़-चढ़कर भाग लेगा । इस अवसर पांहोरी के गणेश पांहोरी, पृर्व उपप्रधान नंदन सिंह, राजू जैलदार , पूर्व सरपंच शिवराज, पूर्व सरपंच भूरा, पूर्व सरपंच पल्लू, बच्चों पहलवान, बिज्जु पहलवान, श्रीधर, मनीराम, गिरधर पहलवान, करन पहलवान, ब्रजकिशोर दास, बद्रीनाथ के महंत शिवराम दास, भूरा बाबा हरि बोल बाबा आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखे ।