आदिबद्री पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन पर फूटा ग्राम वासियों का गुस्सा
सैकड़ों ग्रामवासी पहुंचे खान पर व खनन को कराया बन्द
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान) ड़ीग उपखंड के गाव अलीपुर से लगे 5 गांव के ग्रामवासीयों ने सोमवार को बड़ी संख्या में कोलरी व अलीपुर के बीच आदिबद्री पर्वत पर चल रही खान पर पहुंचकर उग्र प्रदर्शन किया व आदिबद्री पर्वत पर चल रहे खनन कार्य को बंद कराया । ग्रामवासियों ने कहा कि विगत 10 वर्षों से हम लोग आदिबद्री पर्वत व कनकाचल पर्वत को बचाने के लगे हुए हैं लेकिन न तो प्रशासन और न ही सरकार हमारी इस अति संवेदनशील और महत्वपूर्ण मांग पर कोई ध्यान दे रही है । इस खनन कार्य से आसपास के संपूर्ण ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है, जान-माल को बड़ी हानि पहुंच रही है व साथ ही हमारी संस्कृति के केंद्र महत्वपूर्ण चिन्हो का विनाश हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले 150 दिन से ग्राम पसोपा में आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त कराने हेतु साधु संतों एवं स्थानीय ग्राम वासियों का धरना चल रहा है जिसके अंतर्गत भरतपुर व जयपुर में कई बड़े प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री से भेंट कर उनको सारी स्थिति की जानकारी दी गई है जिस पर मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ पर त्वरित कार्रवाई कर दोनों पर्वतों के संरक्षण का पूर्ण आश्वासन दिया था । लेकिन आज इतने दिन बीतने के बाद भी खनन रोकना तो दूर की बात खनन माफिया ओर बेखौफ होकर बड़ी संख्या में वैध खनन की आड़ में दोनों पर्वत पर बड़ी मात्रा में अवैध खनन को अंजाम दे रहे है । इस विनाश लीला से त्रस्त होकर ग्राम वासियों ने यह तय किया कि वे स्वयं ही हमे अपने हितों की व जान माल की रक्षा करनी होगी । शासन तो केवल मूकदर्शक बनकर खनन माफियाओं का अनैतिक साथ देने में लगा हुआ है । सरपंच सुल्तान सिंह ने कहा कि वर्ष 2009 के बाद से ही सभी ग्रामवासी व साधु संत सरकार से गुहार कर रहे हैं कि आदिबद्री व कनकाचल पर्वत का जो हिस्सा संरक्षित करने से शेष रह गया था उसे अविलंब खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया जाए लेकिन खनन माफियाओं से अनैतिक सांठगांठ के चलते यह कार्य अभी तक नहीं हो पाया है ।और वैध खानों की आड़ में अवैध खनन का बहुत बड़ा गोरखधंधा किया जा रहा है । पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने कहा कि सरकार से सभी स्तर की वार्ता हो चुकी है एवं मुख्यमंत्री के उच्चाधिकारियों को व स्वयं मुख्यमंत्री को ब्रज के पर्वतों पर हो रहे खनन की स्थिति के बारे में वास्तविकता बताई जा चुकी है इसके बाद भी खनन माफिया बिना किसी भय के ब्रज के पर्वतों को तोड़ने में लगे हुए है लेकिन ना ही सरकार, खान विभाग, स्थानीय प्रशासन और वन विभाग ने इस संदर्भ में कोई कार्रवाई करी है। उन्होंने कहा कि हमने बहुत धैर्य रखा है लेकिन अब हमारे पास एक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा करने के अलावा कोई चारा नहीं है ।आज जो प्रदर्शन हुआ है यह केवल एक संदेश मात्र है प्रशासन एवं सरकार को कि समय रहते हमारी पूर्ण वैधानिक व जायज मांग को स्वीकार कर हमारे परम धार्मिक पर्वत आदिबद्री व कनकाचल को अविलंब खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया जाए जिसकी अनुशंसा उन्हीं के ही अधिकारी कई बार कर चुके हैं । अगर ऐसा नहीं किया तो फिर सिवाय सरकार की खिलाफत करने के हमारे पास ओर कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। मुख्यमंत्री ने हमें विश्वास दिलाया था कि वह शीघ्र ही आदिबद्री व कनकाचल को संरक्षित करेंगे, उनके विश्वास दिलाने पर हमने भरोसा किया और हम दो महीनों से शांत बैठे हुए हैं लेकिन खनन माफिया 10 गुनी शक्ति से दोनों पर्वतों के नाश करने पर उतारू है जिससे पूरे क्षेत्र के पर्यावरण, हमारे सांस्कृतिक चिन्हों को अपूर्णीय क्षति पहुंच रही है । राधा कांत शास्त्री ने कहा कि सरकार के पास 30 जून तक का समय है कि वह अपने किए हुए वादे को पूर्ण कर और हमारे पर्वत आदिबद्री एवं कनकाचल को पूर्ण रूप से संरक्षित करें अन्यथा साधु समाज इसे सरकार की सीधी वादाखिलाफी मानते हुए स्थानीय ब्रज वासियों के साथ व विश्व भर के कृष्ण भक्तों के सहयोग से एक विशाल आंदोलन खड़ा करेगा । इधर ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान उपस्थित खननकर्ताओं के साथ ग्रामीणों की बहस हुई एवं आगजनी होने की संभावना भी बनी लेकिन समय की नजाकत को देखते हुए खननकर्ता अपना सामान छोड़कर खनन स्थल से भाग गए।
इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामीणों के आलावा सरपंच विजय सिंह, सरपंच जलाल खान, सत्य प्रकाश यादव एडवोकेट, महंत शिवराम दास, ब्रज किशोर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।
- रिपोर्ट:- पदम जैन