भर्तहरि धाम में साधु की हत्या की वजह बनी पोटली
आरोपियों को लगा पोटली में होगी मोटी रकम, पुलिस टीम ने दर्जनों गांवों का सर्वे कर सैकड़ो लोगों से की पूछताछ
अलवर (राजस्थान/राजीव श्रीवास्तव) जिले के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल भर्तहरी धाम में 29 जून की रात हुई साधु की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा करते दो लोगो को गिरफ्तार किया है
अलवर पुलिस ने इंस्पेक्टर सुरेश कुमार और जहीर अब्बास के नेतृत्व में गठित टीम में शामिल जवानों और साइक्लोन सेल के कांस्टेबल संजय के अहम रोल से भर्तहरि धाम में हुई साधु मुकेश नाथ की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए हत्या के आरोपी सियाराम गुर्जर और हरफूल निवासी काला खो की ढाणी तन खरखड़ी को गिरफ्तार किया है।आरोपियों ने बेहरहमी से साधु की टांच्या से हत्या की और साधु की कोटड़ी में रखी पोटली लेकर फरार हो गए लेकिन आरोपियों को पोटली में उम्मीद से कई गुना कम रुपए मिले।
दरअसल मार्च माह में मृतक साधु मुकेश नाथ के पास एक मोनी बाबा जम्मू कश्मीर से आया था।मोनी बाबा वजन अधिक होने की वजह से अपना सामान भर्तहरि तिराहे पर ही एक दुकान पर रखकर मुकेश नाथ के पास पहुंचा था।मृतक मुकेश नाथ ने अपने परिचितों को भेजकर मोनी बाबा का सामान दुकान से कोटड़ी में मंगा लिया।सामान में एक पोटली भी थी।मोनी बाबा ने कोटड़ी में जब उस पोटली को खोला तो उसमें बिखरे रखे नोटों को देखकर वहा मौजूद लोगों की आंखे फ़टी रह गई।हालांकि पोटली में रकम साढ़े तीन लाख के आसपास ही थी लेकिन वहां मौजूद लोगों को रकम फैली होने के कारण कई लाखों में लगी। इस पोटली की आसपास के क्षेत्र में काफी चर्चा शुरू हो गई।इधर, चर्चा हो रही थी दूसरी तरफ मोनी बाबा वह पोटली मुकेश नाथ को देकर चला गया। पोटली की चर्चा आरोपियों के कानों तक पहुंची तो आरोपियों ने पोटली चुराने की योजना बना ली और रैकी कर मौका मिलने पर आरोपियों ने साधु मुकेश नाथ की टांच्या से बेहरहमी से हत्या कर पोटली लेकर फरार हो गए।इधर,पुलिस टीम ने लम्बे समय तक चारवाह और वनकर्मी बनकर सरिस्का के जंगल में बने दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों से पूछताछ की और पूछताछ में ही सुराग मिलते ही दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।पुलिस की सख्त पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।