जिसका कोई नही उसका ईश्वर है रखवाला कहावत चरिचार्थ
पढाई व रोजगार में सीताराम गुप्ता बने मददगार, पिता 16 साल पहले छोड गए साथ
भुसावर (भरतपुर, राजस्थान/ रामचन्द सैनी) जिसका कोई उसका ईश्वर ही होता है रखवाला,ये कहावत भले ही हमकों किताब के पन्नों में पढने तथा बुर्जग इंसान के मुख से सुनने को मिलती है,लेकिन ये कहावत असलियत में देखने को मिली,जिसको देख सभी लोग आश्चर्य करने लगे और एक ही वाक्या बोले की कलियुग में भी मानवता जिन्दा है और मदद करने वालों की कमी नही,ऐसा नजारा भरतपुर जिले के गांव नयावास में देखने को मिला,जहां 16 साल पहले पिता का स्वर्गवास हो गया,मां एवं भाईयों की गरीब के कारण पढाई मध्य में छोडनी पडी,ऐसी एक बालिका के साल 2020 में मददगार बने लुपिन फाउन्डेशन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता,जिन्होने उक्त बालिका एवं उसके परिवार की हालत पर तरस आ गया और पढाई के लिए आर्थिक मदद दी और साथ में स्वरोजगार के लिए सिलाई व ब्यूटी पाॅलर का प्रशिक्षण दिलाया। जिस मदद की राशि से बालिका ने पढाई की और परिवार की आर्थिक हालत मजबूत करने को सिलाई का कारोबार शुरू कर दिया। ऐसी बालिका है फूलवती कुमारी,जो वर्तमान में एक निजी काॅलेज में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है,जो पढाई के समय के बाद कपडा सिलाई कर परिवार की मददगार बन गई। गांव नयावास निवासी फूलवती कुमारी ने बताया कि साल 2005 में पिता का स्वर्गवास हो गया,परिवार में मां,दो भाई एवं पाचं बहिन है। परिवार की आर्थिक हालत अति कमजोर है,मां एवं भाई मेहनत-मजदूरी कर परिवार का लालन-पालन कर रहे है। मां एवं भाईयों ने स्वयं की तथा दो बडी बहिनों की शादी कर दी,अब हम तीन बहिन अविवाहिता है। आर्थिक हालत कमजोर होने पर पढाई मध्य में छोड दी,साल 2019 में पीडी गल्र्स काॅलेज के निदेशक डाॅ.पवन धाकड ने लुपिन के सिलाई एवं ब्यूटी पाॅलर प्रशिक्षण में प्रवेश दिला दिया,साथ ही स्वयं के काॅलेज में प्रवेश करा दिया। जिन्होने मेरी विश्वविद्यालय की फीस को लेकर दूरभाष पर लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता से वार्ता की,जिन्होने मेरी काॅलेज की परीक्षा फीस जमा कराने की बोल दिया और फीस जमा करा दी। फूलवती कुमारी ने बताया कि दिसम्बर 2019 में राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने लुपिन से मदद दिलाने की अभिशंषा की,जो मदद मुझे 2 जनवरी 2020 को मिली,जिस मदद से पढाई की पुस्तके क्रय की और एक पुरानी सिलाई मशीन क्रय की,जिसके बाद हमारी हालत में सुधार आ गया। उन्होने बताया कि सिलाई करने पर प्रतिदिन 200 रू0 से 300 रू0 की प्राप्ति हो जाती है और काॅलेज की पढाई भी हो जाती है। उक्त आय से मेरी एक बहिन एमए द्वितीय वर्ष तथा दूसरी 12 वीं में पढ रही है। उन्होने बताया कि दुनियां में जिसका कोई नही उसका मददगार अनेक है,मुझे कभी उम्मीद नही थी कि लुपिन के सीताराम गुप्ता मेरे मददगार बनेगे। ये हमने सपने में भी नही सोचा था।