अपराध के दलदल की ओर बढ़ता राठ क्षेत्र का युवा - डॉ सुंदर बसवाल
बर्डोद (अलवर,राजस्थान/ मनीष सोनी) ऐतिहासिक राजा मोरध्वज की नगरी के रूप में विख्यात राठ क्षेत्र अपनी आन बान शान के लिए पूरे राजस्थान में मशहूर रहा है,एवं नीमराणा ठिकाना रियासत कालीन राजस्थान में अपना विशेष स्थान रखता था। आजादी के बाद उद्योग नगरी व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दिल तथा उद्योग त्रिकोण के रूप में नीमराणा, शाहजहांपुर, भिवाड़ी ने देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई हैं।
लेकिन राठ क्षेत्र का युवा आज बड़ी संख्या में पथभ्रष्ट होकर अपराध के क्षेत्र में कदम रख खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। वह सोशल मीडिया पर हथियारबंद फोटो डालकर समाज में भय पैदा कर रहा है, आज समाज में ऐसे ही लोग सम्मान पाते दिख रहे हैं, कल तक जो युवा कैरियर बनाने के लिए बेताब थे, उनमें से बड़ी संख्या में आज शार्प शूटर बनने की होड़ में लगे हुए हैं।
पारिवारिक संस्कार,शिक्षा प्रणाली, गुरु जन,वातावरण,गांव का माहौल,राजनीतिक दलदल, औद्योगिक वातावरण, या हरियाणा से लगती सीमा, इस क्षेत्र में बढ़ती जमीनों की कीमत, राष्ट्रीय हाईवे नंबर 8 का निकलना या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का होना, कृषि आधारित रोजगार चौपट हो जाना, या औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को रोजगार ना मिलना,बहुत सारे और कारण हो सकते हैं।
मैंने बीते एक वर्ष के समाचार पत्रों पर नजर रख कर यह निष्कर्ष निकाला की प्रमुख कारण तीन तरफ से हरियाणा सीमा से सटे होने के कारण राठ क्षेत्र में तस्करी, गैर कानूनी काम धंधे, चोरी, डकैती, लूटपाट, हेरा फेरी, रंगदारी, हफ्ता वसूली की घटनाएं बढ़ रही हैं। तथा कोविड-19 वैश्विक महामारी से युवाओं के रोजगार खत्म होने से हताश और कुंठा बढ़ रही है, स्थानीय स्तर पर समस्याओं के बढ़ते अंबार से भी युवा पीढ़ी आक्रोशित होकर हिंसा का रास्ता अपना लेती है, नीमराणा, शाहजंहापुर,भिवाड़ी ट्रायंगल अब अपराध ट्रायंगल बनता जा रहा है। साथ ही क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार, नशाखोरी, लॉटरी सिस्टम, प्रॉपर्टी माफिया, सट्टेबाजी का अड्डा बनता जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि किशोर उम्र के बच्चे भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं और इसके फलस्वरूप आए दिन ग्रामीण क्षेत्र में भी धोखाधड़ी, लूटमार, राहजनी, गुंडागर्दी की घटनाएं आम होती जा रही हैं।
क्षेत्र में गरीबी, बेरोजगारी,अशिक्षा जैसी सामाजिक बुराइयां समाज में तेजी से बढ़ रही है।अगर हम इन युवाओं को सही दिशा नहीं दे पाते हैं तो ये 15 से 30 वर्ष की आयु के नौजवान जो जुनूनी होते हैं, इनको अगर सही दिशा नहीं दी जाए तो ये रास्ता भटक जाते हैं आज के इन युवाओं की महत्वाकांक्षा बढ़ती जा रही है, ये युवा वर्ग रातो रात अमीर बनने के सपने देखता रहता है ऐसे में जब इनके सपने मेहनत और परिश्रम से पुरे होते नहीं दिखते तो वह गंभीर अपराध करने से भी नहीं हिचक रहा है
दूसरा कारण युवावस्था में प्यार में असफलता, धोखा, ईर्ष्या के चलते क्रोध में आकर अपराध के रास्ते पर निकल पड़ता है तो उसे अपने आसपास का माहौल मिल जाता है। तीसरा कारण बढ़ता पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति का प्रभाव एवं फिल्मो से व अपराधिक प्रकृति के सीरियलों की भरमार के कारण युवा नए-नए हथकंडे अपना कर इस दलदल की ओर बढ़ रहा है।
कैसे बचाया जा सकता है राठ क्षेत्र के युवा को अपराध के दलदल से आइए जानते हैं
सर्वप्रथम शिक्षा संस्थाओं की दशा सुधार कर कर उनका होरिजेंटल और वर्टिकल विस्तार किया जाए,युवाओं राजनीति के दलदल से दूर रखा जाए, इस क्षेत्र में पुलिस चौकी,पुलिस थाने,व न्यायालयों की संख्या बढ़ाई जाए। अंतर राज्य अपराध और तस्करी को रोका जाए, सभी संसाधनों का उचित वितरण किया जाए, प्रशासन को निष्पक्ष पारदर्शी एवं ईमानदारी से अपनी भूमिका निभानी होगी। बहरोड़, नीमराना, भिवाड़ी,शाजापुर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देनी होगी। तथा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका युवाओं को रास्ते पर लाने के लिए नागरिक समाज(सिविल सोसाइटी) जिसमें एनजीओ, मीडियाकर्मी, रिटायर्ड आर्मी मैन, जोकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में है। को मिलकर इन भटके युवाओं को कुशल व रचनात्मक सृजनात्मक कार्यों की तरफ दिशा दे सकते हैं।
राठ क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्र में शांति व सुरक्षा का वातावरण होना अत्यंत आवश्यक है इसके लिए अपराध मुक्त होना परम आवश्यक है क्योंकि स्थानीय विकास अवरुद्ध हो जाने से लोगों में भय व्याप्त हो जाता है। उद्यमी व्यापारी कारोबारी व नौकरीपेशा लोग इनके रंगदारी, हफ्ता वसूली, फिरौती से तंग आकर अन्यत्र पलायन कर रहे हैं।
इससे हमारे क्षेत्र का विकास पिछड़ जाएगा आज जरूरत है हम सबको मिलकर इन युवाओं को अपराध के दलदल से बाहर निकाल कर सही दिशा देने की वरना आने वाली पीढ़ियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा तथा भारत को एक मजबूत लोकतंत्र व सशक्त भारत बनाने का सपना तभी साकार हो सकता है जब हम इन युवाओं को सही दिशा दे पाएंगे।
डॉ सुंदर बसवाल
असिस्टेंट प्रोफेसर, बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय अलवर।