सुहागिनों का त्योहार सिंजारा दूज 18 अगस्त को
लक्ष्मणगढ़ ,अलवर (कमलेश जैन)
19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज का पर्व है। हिंदू धर्म में हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंधारा दूज मनाई जाती है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाने वाली सिंधारा दूज और हरियाली तीज का गहरा संबंध है।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि इसे सिंजारा भी कहते हैं। हरियाली तीज के एक दिन पहले सिंधारे में मायके से बेटी के लिए कुछ विशेष सामान भेजा जाता है। सिंधारा दूज का महत्व सुहागिनों के लिए बहुत मायने रखता है।
इसमें अगर बेटी ससुराल में होती है तो मायके से सिंधारा भेजा जाता है और यदि बहू मायके गई हो तो ससुराल से सिंधारा जाता है।
सिंधारे की परंपरा खासतौर पर राजस्थान में निभाई जाती है। हरियाली तीज के एक दिन पहले शादीशुदा महिलाएं के मायके या ससुराल से सोलह श्रृंगार का सामान भेजा जाता है, इसे सिंधारा कहते हैं। इसमें कपड़े, सिंगार का सामान, मिठाइयां भेजी जाती हैं। मान्यता है कि सिंधारे की परंपरा निभाते हुए बहू-बेटी को सदा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिया जाता है।
सुहाग का सामान, कपड़े, गहनें होते हैं। इन्हीं को पहनकर वह हरियाली तीज की पूजा करती हैं। सिंधोरे में आए उपहार आपस में बांटे भी जाते हैं। फल-मिठाईयां, उपहार, कपड़े और सुहाग के सामान को बांटने का भी रिवाज होता है।