एक तरफ किसान बरसात को लेकर परेसान तो दूसरी तरफ व्यर्थ बह रहा पानी फसलों को कर रहा नुकसान
गुरलां स्थित रणजीत सागर तालाब से बिना स्वीकृति खोली नहरों से निकल रहे पानी का हैं मामला, किसानों की फसलें खराब और नहरों से निकल रहे अत्यधिक पानी की आवक से एक कुआं हुआ जमीदोज
गुरला (बद्री लाल माली)
गुरला :- वर्तमान में किसानों की हालते खराब होकर ऊपर साँसे चल रही हैं कारण महज ये हैं कि किसान अपनी फसलों को बचाने की जुगत में भगवान इंद्रदेव से अच्छी बरसात की कामना के चलते नाना प्रकार की मन्नते कर रहा हैं। जिसके चलते वर्तमान में एक तरफ किसान बरसात को लेकर परेसान हैं तो वही दूसरी तरफ भीलवाड़ा राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे गुरलां गांव बाहर राजमार्ग पर ही पड़ने वाले गुरलां के रणजीत सागर तालाब लबालब होकर इन दिनों उस पर तीन से चार इंच की रपट भी चल रही हैं जिसका पानी खेत खलिहानों में जाकर भरा हुआ हैं । ऐसे में जलदाय विभाग ने नियमों को ताक में रखते हुए रणजीत सागर तालाब की नहरें भी खोल रखी हैं। जिसके अत्यधिक ओवरफ्लो वहाब से किसानों की फसलें ग़ल सड़ कर खराब हो चुकी हैं इतना ही नहीं एक किसान का तो नहर के पास स्थित कुआँ भी ढह गया।
गुरलां की किसान जमना देवी माली ने बताया की दिपावली के लिए बोई गई फूलों की खेती में पानी भरने से फुल की समूची खेती नहरों से बह कर आ रहे पानी के कारण खराब हो गयी हैं।
इसी तरह सोपुरा रोड़ स्थित गोपी लाल माली, गजानंद माली ने बताया कि उनका एक कुआँ इस मार्ग पर स्थित उनके खेत में बना हुआ हैं जिसकी दीवारें नहर के समीप होने से और नहरों में बिना वजह के पानी छौड़ने से कुएं की दीवारें ढह गई और उसमें नहरों में आ रहा पानी भी भर गया। इसी तरह नारायण माली, रतन लाल माली ने बताया कि उनके खेतों में नहरों से व्यर्थ बह रहे पानी के कारण लबालब भर गये और फसलें सड़ ग़ल कर खराब हो चुकी हैं।
किसानों का कहना हैं कि एक तो नियम विरुद्ध होकर नहरे खोल दी गई ऊपर से उनकी साफ सफाई नहीं होने के कारण कचरे से भरी नहरों का पानी ओवरफ्लो होक्त खेतों में आने से खेत खलिहान चौपट हो रहे हैं। ऐसे में खेतों में पानी भरने से फुल फल इत्यादि की खेती ख़राब हो रही हैं। कन्हैया लाल, शिव लाल, नारायण लाल, शंकर लाल व शोभा लाल ने प्रसाशन से मांग की हैं कि उनके कुएं की मरम्मत व फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाये। और अनचाही खोली गई नहरों को अविलम्ब बन्द कराई जावें जिससे कि पानी की बर्बादी नहीं हो और किसान खेती भी कर सकें। हालांकि इस मामले को लेकर गुरलां के किसानों ने रणजीत सागर तालाब के अध्यक्ष शंकर लाल से जानकारी चाही तो उनके पास बालने के लिए कुछ शब्द नहीं थे।