चुनावी रण में ईआरसीपी का जिन्न एक बार फिर बाहर आने लगा:आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू
वैर, भरतपुर, राजस्थान (कौशलेंद्र दत्तात्रेय)
भरतपुर ....चुनावी रण में ईआरसीपी का जिन्न एक बार फिर बाहर आने लगा है ।पूर्वी राजस्थान के सपनों में रंग भरने वाला यह प्रोजेक्ट अभी राजनीति से बाहर नहीं आ पा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्वी राजस्थान की सभी सभाओं में इसका जिक्र करते हैं। अब भाजपा भी इस मुद्दे को लेकर बचाव की मुद्रा में आ गई है ।भरतपुर आए केंद्रीय जल शक्ति संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी में कांग्रेस के नेता ही अड़ंगा बन रहे हैं। वहीं तकनीकी शिक्षा एवं आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने पलटवार करते हुए कहा कि शेखावत मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। ईआरसीपी को अटकने की महत्वपूर्ण वजह यह है कि शेखावत ईआरसीपी का श्रेय वसुंधरा राजे को नहीं देना चाहते हैं।
ईआरसीपी को केंद्र क्यों नहीं स्वीकार करती.. डॉ.सुभाष गर्ग
शेखावत के हमले पर पलटवार करते हुए डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि शेखावत मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। वह भूल गए हैं कि ईआरसीपी परियोजना वसुंधरा राजे के समय बनाई गई थी। और इसे जल बोर्ड ने अप्रूव किया था ।असली वजह यह है कि गजेंद्र सिंह शेखावत इस परियोजना का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नहीं देना चाहते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी योजना को लागू करते हुए उसके लिए 13 हजार करोड रुपए का बजट दिया। साथ ही गहलोत ने यह संकल्प भी लिया कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे या नहीं करे, हम इसे राज्य के बजट से पूरा करेंगे ।यदि केंद्र सरकार बर्ष 2023 में इसे राष्ट्रीय परियोजना स्वीकार नहीं करती है तो 13 जिलों की जनता इसका जवाब देगी।
अलवर में महल एवं रेस्ट हाउस बेचने की तैयारी... गजेन्द्र सिंह शेखावत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 700 करोड़ रुपए नवनेरा बांध पर खर्च किए है । इससे महज 2400 एमसीएफटी पानी मिलेगा, जबकि 15 -16 हजार करोड रुपए केवल तीन शहरों को पानी देने के लिए खर्च किए जा रहे हैं। शेखावत ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने इसके लिए एक कंपनी का निर्माण किया है, जो संसाधन जुटाने के लिए सिंचाई विभाग की संपत्तियों को बेचेगी ।अलवर में सिलीसेढ के ऊपर महल एवं रेस्ट हाउस आदि को बेचने की तैयारी है ।सरकार नहरों के किनारे की जमीन बेच रही है। यह राशि 10 साल में खर्च करने का प्लान है, जो अभी से संपत्तियां बेचकर खर्च की जा रही है इसकी वजह यह है कि इन्हें सरकार में रहना नहीं है ।यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने के लिए पूर्वी राजस्थान के 10 जिलों के साथ खिलवाड़ है। ईआरसीपी पर मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता अड़ंगा लगा रहे है।