ग्राम घाटरी में चल रही श्री मद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्री कृष्ण की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन पूजा का श्रोताओं को कराया रसपान
वैर ,भरतपुर, राजस्थान (कौशलेंद्र दत्तात्रेय)
भुसावर- उपखंण्ड भुसावर के ग्राम घाटरी में आयोजित की जा रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचिका देवी चित्रलेखा ने भगवान की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन पूजा की कथा का श्रोताओं को रसपान करवाया। कथा आयोजक एवं परीक्षित अंजना देवी और मुकेश शर्मा ठेकेदार द्वारा कथा वाचिका देवी चित्रलेखा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया । भागवत प्रेमियों को कथा का रसपान करवाते हुए देवी चित्रलेखा ने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन को बहुत कुछ सिखाती हैं।
उन्होने गोवर्धन लीला की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान इन्द्र को अभिमान आ गया तो भगवान कृष्ण ने उनके अभिमान को तोडने के लिए वृजवासियों से कहकर इन्द्र की पूजा करना बंद करवा दिया और गौवंश की पूजा करवाना प्रारम्भ करवा दिया। उन्होने कहा कि हमें गौ माता की पूजा अर्चना करनी चाहिए। क्यों कि सनातन संस्कृति में गाय को माता का स्थान मिला हुआ है।गाय में चौंसठ कोटि के देवता निवास करते है। जिससे नाराज होकर इन्द्र ने तेज बारिश प्रारंभ कर दी। वारिश से वृजवासियों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया । गोवर्धन पर्वत के नीचे समस्त बृजवासियों ने शरण लेकर इन्द्र के घमंड को चकनाचूर कर दिया। अन्त में इन्द्र ने भगवान श्री कृष्ण की शरण में आकर क्षमा याचना की।तबही से आज तक गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई। गोवर्धन पूजा में श्री गोवर्धन महाराज, महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रह्यै ,तो पै पान चढ़े तो पै फूल चढ़े तो पै चढ़े दूध की धार श्री गोवर्धन महाराज।भजन पर पूरा पान्डाल बच्चे, बुजुर्ग,महिला को नाचने गाने से अपने आप को रोक नहीं पाये। जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। देखने में ग्राम घाटरी गोवर्धन धाम बन गया।