आया राखी का त्योहार, बाजार हुए गुलजार
लक्ष्मणगढ़ /अलवर (कमलेश जैन)
भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा बाजारों की रौनक बढ़ती जा रही है। बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सज गए हैं। हर ओर रक्षाबंधन की धुन बज रही है। बहनें भाई के लिए राखी व लिफाफे खरीद रही हैं तो उधर भाई भी बहनों की खातिर उपहार खरीदने में जुटे हैं।
30-31अगस्त 2 दिन का रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। दुकानों पर राखी खरीदारों की भीड़ दिख रही है। दुकानदार अनिल कुमार दीपक कुमार ने बताया कि बहने इसके लिए प्रतिदिन दुकान पर पहुंच रही हैं। वहीं कुछ लोग साधारण राखी की भी खरीदारी कर रहे हैं। राखी के अवसर पर बहनों के लिए भाइयों द्वारा आभूषण खरीदने व उपहार स्वरूप देने की परंपरा बहुत पुरानी है। आधुनिकता व फैशन के दौर में चांदी व जड़ित राखी की परंपरा भी अब विकसित होने लगी है। लेकिन ग्रामीण कृषक क्षेत्र होने से महंगी चांदी की राखियां लोग कम ही खरीद रहे हैं ।
रक्षा बंधन पर्व को लेकर बाजारों से मिठाइयों की भी खरीददारी हो रही है। मिठाई कारोबारियों ने बर्फी, कलाकंद चॉकलेट वाली बर्फी, रसगुल्ले, घेवर, मोतीचूर के लड्डू तैयार किए हुए हैं। मिठाई कारोबारी ने बताया कि सबसे ज्यादा कलाकंद व बर्फी की मांग है।
इसके अलावा पूजन सामग्री की भी लोग खरीददारी कर रहे हैं। दुकानदारों ने पूजन सामग्री के सैट तैयार किए हैं। एक बॉक्स में राखी, हल्दी, कुमकुम, रोली, धूप, अगरबत्ती और दीपक रखकर सेट बनाया गया है।
युवती बहन अनीता ने बताया कि मेरा भाई विदेश में रहकर पढ़ाई करता है। अभी दो से तीन साल तक उसकी पढ़ाई चलेगी। ऐसे में उसका बार-बार आना संभव नहीं होने के कारण साल में एक बार आता है। छोटा होने के कारण उसके लिए आधुनिक व मनमोहक उपहार स्वरूप राखी उपलब्ध कराना बड़ी बहन होने के नाते जिम्मेदारी बनती है।