लोहार्गल 24 कोशिय परिक्रमा के दौरान भंडारों में आज रहेगी परिक्रमार्थियों की भीड
उदयपुरवाटी / सुमेर सिंह राव
गोगानवमी से आगाज हुई चोबीस कोशीय परिक्रमा अब अपने परवान पर दिखाई दे रही है क्योंकि पास पड़ोस के गांवों व ढाणियों के लोग भी ग्यारहस के दिन से अपनी परिक्रमा यात्रा शुरू कर चुके हैं ऐसे में अंदाज लगाया जा सकता है की पहले जा चुके लोग अब कहीं पड़ाव पर रुके हुए हैं तो चलने वाले अपने सफर का मार्ग तय कर रहे हैं।आस्था की डगर पर पैदल चलने वाले इन श्रद्धालुओं के लिए जगह जगह चाय नाश्ता, सामान्य तौर पर मेडिकल सुविधा और खाने के भंडारे भामाशाओ और अनेक धार्मिक संस्थाओं द्वारा परिक्रमा के दौरान मुख्य स्थानों पर लगाए जाते रहे हैं और इस बार भी परिक्रमा में यह सेवा देखने को मिलेगी।आपको बता दे हर साल भंडारा देने वालें इस धर्म के राह में कम नहीं है,सच कहें तो सेवा देने वालो की मानो होड़ से लगी हुई है।यही कारण है कि पहले लोग अपने साथ खाना भी लेकर आते थे पर आजकल यह सुविधा दुर्गम स्थानों पर भी सुलभ हो तरीके से हो जाती है,जिस कारण कुछ लोग तो इन्ही भंडारों में भर पेट खाते हैं तो कुछ मितभुक प्रवृत्ति वाले जगह जगह थोड़ा थोड़ा खाना ही लेते हैं यानी भंडारों में बनी सामग्री का टेस्ट करते रहते है।
जानकारी देते हुए प्रगतिशील कुमावत समिति के सरक्षक डॉ.राजेंद्र कुमावत ने बताया कि पिछले 13 सालों से गणेश मंदिर परिसर में श्री नाथ सेवा मंडल रतनगढ़ द्वारा 7 दिवसीय भंडारे का आयोजन परिक्रमा के पहले दिन से ही किया जाता रहा है जिसमे रोज बदल बदल कर पकवान बनाए जाते हैं।यहां रहने/ठहरने की माकूल व्यवस्था तो है ही साथ ही समिति द्वारा साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।मेले से पहले तो विशेष रूप से सफाई करवाई जाती हैं।इसके अलावा मंदिर के पीछे बनी चमत्कारी गुफा के पास तीन दिन दाल सब्जी व कढ़ी के साथ भट्टी पर सिकती गर्म गर्म रोटी का देशी भंडारा भी समिति द्वारा मेले में आए मेलार्थी,राहगीर और परिक्रमा में आए श्रद्धालुओं के लिए लगाया जाता है।यहां की गर्मा गर्म रोटी सब्जी खाकर निश्चित ही घर जैसा स्वाद इस मेले में मिलता है,खाने के लिए शाम को तो दोनो तरफ भीड़ उमड़ती है।शायद आज से यहां खाने वालों की भीड़ का सिलसिला शुरू हो जाएगा जो अमावस्या तक रहेगा।यहां लगने वाले भंडारे में देवानंद पीपलवा, इंद्रनाथ,ललित जोशी,आनंद पुरोहित, प्रदीप धरड़,गणेश सोनी,अजय गुढ़ाधरा,कुंजबिहारी जोशी,बजरंग लाल व किशन नाई सहित यहां समिति के प्रभुदयाल किरोड़ीवाल सपत्नी, अमोलक पारमूवाल,बिरजूराम कुमावत, राजेंद्र धोडेला,लालचंद राजोरिया,मनोज आदि भंडारे में सेवा दे रहें हैं।