भगवान सहाय मीना को मिली पीएचडी की उपाधि
अभावो में मिली सफलता ही बड़े मायने रखती है। असफलताओं की सीढ़ी पर चढ़कर मिली सफलता बड़े मुकाम हासिल करती है। --- मीना विकट परिस्थितियो मे भी विचलित नही हुए और लगातार प्रयासरत रहे
रैणी(अलवर)महेश चन्द मीना
अलवर जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय कॉमर्स कालेज के सहायक आचार्य भगवान सहाय मीना ने विषम परिस्थितियो से मुकाबला करते हुए अपने मुकाम तक पहुंच कर पीएचडी की भी उपाधी प्राप्त कर ली है।
उनका मानना है कि अभावो में मिली सफलता ही बड़े मायने रखती है। असफलताओं की सीढ़ी पर चढ़कर मिली सफलता बड़े मुकाम हासिल करती है।
ऐसा कहना है भगवान सहाय मीना का जिन्होंने एक गरीब परिवार से निकलकर पीएचडी की उपाधि हासिल की है।
हर तरह से अभावों में पलकर एक मजदूर पिता की संतान भगवान सहाय ने मजदूरी में हाथ बटाया और घर खर्च मे सहयोग किया।
मीना ने राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य अलवर विश्वविद्यालय से "भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व की अनुपालना : सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंको का तुलनात्मक अध्ययन " विषय पर शोध किया है।
मीना वर्तमान में राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय अलवर में सहायक आचार्य पद पर कार्यरत है। इनके कई शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए है।
इन्होंने अपना शोध कार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय बहरोड़ के पूर्व प्राचार्य डॉ अरुण कुमार शर्मा के निर्देशन में किया है।
इन्होंने अपनी पीएचडी उपाधि अपनी दिवंगत मां काली देवी को समर्पित की है। इस मौके पर उनके पिता भौंरी लाल, पत्नी योगिता और दोस्तो और परिवार वालो ने खुशी जाहिर की।
मिडिया को यह सारी जानकारी सहायक आचार्य भगवान सहाय मीना के निर्देशन मे प्रोफेसर भागीरथ मीना द्वारा दी गई है।