जैन मंदिर में अभिषेक के बाद हुआ पूजन, उत्तम क्षमा के लिए की गई प्रार्थना
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ कमलेश जैन) समाज को क्रोध लोभ व विकारों से बचने का संदेश देने के लिए जैन धर्म (दिगंबर जैन) का महापर्व पर्युषण जिसे दसलक्षण भी कहते हैं। महापर्व के प्रथम दिन की शुरुआत कस्बे के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मे अभिषेक पूजन के साथ की गई। जैन समाज के महापर्व पर्युषण की शुरुआत मंगलवार से हुई। महापर्व के प्रथम दिन जैन मंदिर में विधिवत पूजन अर्चना के साथ भगवान का शांतिधारा अभिषेक किया गया। शांति धारा का धर्म लाभ शिवानी जैन द्वारा लिया गया। जैन समाज के उपस्थित अनुयायियों ने उत्तम क्षमा के लिए प्रार्थना की।
समाज को क्रोध, लोभ व विकारों से बचने का संदेश देने के लिए जैन धर्म (दिगंबर जैन) का महापर्व पर्युषण जिसे दसलक्षण भी कहते हैं। महापर्व के प्रथम दिन स्थित जैन मंदिर में अभिषेक शांति धारा पूजन के साथ हुई। समाज के अध्यक्ष सुमेरचंद जैन एवं सुमत चंद जैन ने बताया कि जैन मंदिरों में सीमित लोगों द्वारा भगवान का पूजन अभिषेक विधिवत किया गया। अनुयायी मोंटू जैन ने बताया कि उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अंकिचन्य व उत्तम ब्रह्मचर्य के जरिए आत्म साधना की जाएगी। जैन समाज दस दिनों तक इस महापर्व को मानते हैं इसलिए इसे दसलक्षण महापर्व भी कहते हैं। इसमें हर दिन एक धर्म का पालन करते हुए अनुयायी पूजन अर्चना करेंगे। आज पर्यूषण पर्व के प्रथम दिन मंदिर में अभिषेक पूजन के अवसर पर धर्मालंबियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।