नौगांवा ठाकुर जी के बेवाण में उमड़ा जन सैलाब: घर-घर भक्तों को हुए अनूठे दर्शन सांवलिया सेठ को पहनाई चांदी की पौशाक
दुग्धाभिषेक करने बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
गुरला (बद्रीलाल माली) जलझूलनी एकादशी पर शहर से करीब 17 किलोमीटर दूर नौगांवा में सोमवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जिले भर से दो दर्जन से अधिक पद यात्रियों के जत्थे भजनों पर नाचते गाते पुष्प वर्षा करते नौगांवा पहुंचे। हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने पारंपरिक परिधान पहने ठाकुर जी के भव्य दर्शन किए और सांवलिया सेठ मंदिर से निकाली भव्य बेवाण यात्रा में भाग लिया। इससे पूर्व मंदिर में चांदी की पोशाक में सजे धजे भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने उनका दूध से अभिषेक किया। अवसर था परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से नौगांवा में संचालित माधव गौशाला परिसर के सांवलिया सेठ मंदिर के दरबार में राधा अष्टमी व जलझूलनी एकादशी के उपलक्ष में शुरू हुए विशाल मेले के तीसरे दिन का। सांवलिया सेठ को पुजारी दीपक पाराशर ने चांदी की भव्य पोशाक धारण कराई। पंडित रमाकांत शर्मा एवं सत्यनारायण शर्मा के मंत्रोच्चार के बीच ठाकुर जी का श्रद्धालुओं द्वारा दुग्धाभिषेक किया गया। मंदिर में जिले के सिंहाना, पुर, कोचरिया, मंगरोप, बापू नगर, आजाद नगर, श्रीराम कॉलोनी पुर, प्रकाश सांवरिया मित्र मंडल, गाडरमाला, नौगांवा सहित आसपास के गांवों से से दो दर्जन से अधिक जतथे नाचते गाते पहुंचे । सभी पदयात्रियों का मेला कमेटी की ओर से दुपट्टा पहना कर भव्य स्वागत किया गया । मंदिर में प्रकाश सांवरिया मित्र मंडल साहू समाज सहित आधा दर्जन भजन मंडलियों ने एक से बढ़कर एक भजन पेश किये। वृंदावन के कलाकारों ने मोर पंख से पूरे मंदिर को सजाया। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। मेला कमेटी के मदनलाल धाकड़ व हेमंत शर्मा ने बताया की नौगांवा में ठाकुर जी की भव्य बेवाण यात्रा में घोड़ी पर ध्वज पताकाओं के साथ में एक रूप में भक्तगण शोभायात्रा में सम्मिलित हुए। सभी भक्तों ने धोती कुर्ता व मारवाड़ी पगड़ी पहनी। ठाकुर जी ने भक्तों को घर-घर दर्शन दिए। ठाकुर जी को तालाब पर हजारों लीटर जल से स्नान कराया गया। शाम को 6:15 बजे सांवलिया जी के बेवाण की करीब 30 मिनिट तक बनारस की तर्ज पर महाआरती की गई। भव्य श्रृंगार एवं राजभोग दर्शन सुबह 8:30 बजे से चालू रहे। विशेष आकर्षण वृंदावन के कलाकारों द्वारा फूल बंगला दर्शन कराना रहा। सहकोषाध्यक्ष व मेला सहप्रमुख दिनेश विजयवर्गीय व कैलाश डाड ने बताया कि मंदिर में नक्षत्र वाटिका के यहां भगवान के अलग-अलग विग्रह तीर्थ तिरुपति बालाजी, विष्णु भगवान, रामावतार, बांके बिहारी, द्वारिकाधीश के स्वरूप की भव्य झांकी के दर्शन हुए। गौ दर्शन एवं परिक्रमा का लाभ मिला। मेले में श्रद्धालुओं ने स्वदेशी स्टालों पर खरीददारी की और खाने-पीने की स्टालों पर भी काफी रेलमपेल रही। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि तीन दिवसीय मेले की व्यवस्थाओं में कैलाश डाड, भंवरलाल दरगड़, मदनलाल धाकड़, अजीत सिंह, गोपाल लाल जागेटिया पुर, भगवती लाल नौलखा आदि का विशेष सहयोग रहा।