सिक्योर वापस लौटायेगा नोटिस अवधि से पहले काटे गए शहर के विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं को पैसा
राष्ट्रीय मानवाधिकार पर्यावरण सुरक्षा एवं भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आवाज उठा कर किया था कड़ा विरोध
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल ) भीलवाड़ा अगस्त माह में रक्षाबंधन त्योहार के पूर्व विद्युत विभाग के अधीन कार्यरत ठेका कंपनी सिक्योर ने अगस्त माह के बिलों की बकाया भुगतान की वसुली को लेकर नोटिस जारी करने के उपरांत नोटिस अवधि समाप्त होने से पूर्व शहर के सैकड़ो उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट दिए जिस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार पर्यावरण सुरक्षा एवं भ्रष्टाचार निवारण संगठन भीलवाड़ा ने जिला अध्यक्ष रतनलाल आचार्य के नेतृत्व में आवाज उठाते हुए विरोध कर मुख्य अधीक्षण अभियंता राजपाल सिंह अकाल को ज्ञापन सौंप नोटिस अवधि से पूर्ण होने से पहले शहर के काटे गए सभी विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं को कनेक्शन जुड़वाने के नाम पर वसूले गए पैसे वापस लौटने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी जिस पर मुख्य अधीक्षण अभियंता अकाल ने मंगलवार को उनके कार्यालय में उनकी अध्यक्षता में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी खटोड़, सहायक अभियंता नीरज शर्मा, सिक्योर हेड गौतम कुमार, मैनेजर गौरव माहेश्वरी, मुदित जैन, सत्यवीर सिंह की मौजूदगी में संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन रखा जिसमें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बालू सिंह झाला, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम बिश्नोई, जिला संरक्षक श्रवण सेन, चांद मल बिश्नोई,जिला अध्यक्ष रतन लाल आचार्य, जिला उपाध्यक्ष महावीर सेन, जिला महासचिव महावीर व्यास, युवा जिला अध्यक्ष मुकेश सोनी, ने ज्ञापन में रखी गई समस्याओं पर उचित कदम उठाते हुए शहर के सभी नोटिस पूर्व काटे गए विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं से कनेक्शन जोड़ने पर लगे शुल्क को वापस लौटने की एवं उपनगर पुर में विद्युत विभाग एवं सिक्योर का स्थाई उपभोक्ता सहायता केंद्र एवं बिल संग्रहण केंद्र तुरंत खोलने तथा अघोषित कटौती से राहत एवं अन्य मांग पुरजोर तरीके से की जिस पर सिक्योर हेड गौतम कुमार ने उपभोक्ताओं को पैसा वापस लौटने की बात स्वीकार की तथा उपभोक्ताओं के साथ ऐसा दोबारा नहीं होने का आश्वासन दिया। वह अन्य सभी मांगों पर जल्द राहत प्रदान करने हेतु उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने अधीक्षण अभियंता राजपाल सिंह अकाल का आभार व्यक्त करते हुए कड़े शब्दों में चेतावनी दी की जल्द ही बैठक में लिए गए निर्णयों को अमल में नहीं लाया गया तो संगठन द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी विद्युत विभाग के अधिकारियों की होगी।