बहराइच (उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) नेपाल में एक कथित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है। भारी तनाव को देखते हुए नेपाल-भारत से सटे बॉर्डर इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।मामला नेपाल के नेपालगंज उप-महानगर बांके का है। यहां मंगलवार से कर्फ्यू आदेश लागू है। जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, कर्फ्यू के बीच हुई झड़प में उपद्रवी दुकानों-गाड़ियों को आग लगा रहे थी। आने-जाने वालों से मारपीट की जा रही थी। उपद्रवियों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। यही नहीं, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई गई जिसमे बाईस लोग घायल हो गए हैं। इसमें 5 सैनिक और 17 आमलोग हैं।
माना जा रहा है कि सोशल साइट्स पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले स्टेटस से ये तनाव पैदा हुआ। सुरक्षा के लिहाज से किसी को भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर किसी को कानून का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने सभी से आग्रह किया है कि वे सोशल साइटों पर सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को खतरे में डालने वाली किसी भी सामग्री को अपलोड न करें या अपलोड न करें। नेपालगंज स्थित राजनीतिक दलों, धार्मिक नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और आम जनता ने शहर में सद्भाव और शांति बहाल करने की अपील की है। जमुनहा के पुलिस बीट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मिन बहादुर बिस्ता ने कहा, अब तक भारत से आए 1,500 नेपालियों को सुरक्षित रूप से अपने गंत्वय स्थानों तक पहुंचाया गया है। जिले के जमुनहा प्वाइंट के रास्ते शिमला, कालापहाड़ और दिल्ली समेत भारत के विभिन्न स्थानों से नेपाली लोग घर लौट रहे हैं। हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में नेपाल के अंदर सांप्रदायिक हिंसा में काफी तेजी आई है। हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए अब स्थानीय प्रशासन को बार-बार कर्फ्यू लगाना पड़ रहा है। हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों की टेंशन बढ़ गई है।
एक सप्ताह पहले नेपाल के सरलाही जिले में दो पक्षों के बीच तनाव देखने को मिला था। यह विवाद गणेश की मूर्ति विसर्जन को लेकर हुआ था। इस दौरान भी प्रशसन को तनाव को कम करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। इस घटना में लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए थे। कहा जा रहा है कि ये सब अगस्त में धरान में हुई एक घटना से शुरू हुआ। गोमांस खाने वाले लोगों का एक वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर तेजी से फैलने के बाद धरान में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ गई। वीडियो वायरल होने के बाद, अधिकांश हिंदू कट्टरपंथियों ने कोशी प्रांत में बड़ी संख्या में लोगों को 'गो रक्षा' रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
पड़ोसी देश नेपाल में जुलूस निकालने के दौरान भड़की हिंसा बाद भड़की हिंसा को लेकर भारत का गृह मंत्रालय भी हालातों पर नजरे जमाए हुए हैं। हम आपको बता दे कि सीमा से लगे बांका जिले के नेपालगंज में जुलूस निकाल रहे लोगों के हिंसा भड़क गई जिसकी स्थिति पर गृह मंत्रालय द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। गृह मंत्रालय की ओर से भी जिले के पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों से आवागमन की स्थिति एवं हालात की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। हर 12 घंटे पर रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी जा रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए नेपाल के यूपी बॉर्डर पर सीमाओं को सील करते हुए सीमा से सटे पांच थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सीमा पर लगाए गए कर्फ्यू के चलते सभी थानों एवं पुलिस चौकियों को अलर्ट मोड पर रखते हुए पुलिस की गश्त में बढ़ोतरी कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने बताया है कि नेपाल में हुई हिंसा की घटनाओं को मददेनजर रखते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा पर कर्फ्यू लागू करते हुए बॉर्डर से सटे सभी थानों को अलर्ट जारी किया गया है। नेपाल की सीमा से लगी लगे सभी पांच थानों एवं पुलिस चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और एसएसबी के साथ पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। नेपाल में हुई हिंसा के बाद बॉर्डर पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। जानकारी मिल रही है कि भारत और नेपाल सीमा पर प्रतिदिन औसतन दोनों देशों के बीच एक लाख लोगों के साथ 10000 वाहनों का आवागमन होता है। नेपाल में कर्फ्यू के आदेश जारी होने के बाद नेपाली सीमा पर भारतीय लोगों को नेपाल जाने से रोक दिया गया है।