हर व्यक्ति को समझनी होगी पानी की एक एक बूंद की कीमत - मुख्यमंत्री योगी
चौरीचौरा (गोरखपर,उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) भूगर्भ जल के साथ वर्षा की एक-एक बूंद को संरक्षित करने के लिए इस पवित्र अभियान से प्रदेश भर के लोगों को जुड़ना होगा। हम सबको एक एक बूंद पानी की कीमत को समझना होगा। यह अपील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 कालिदास मार्ग लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर ग्रामीण जलापूर्ति के बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारियां प्राप्त कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया जिससे जल संचय हो सके और ग्रामीण अपने उपयोग के लिए शुद्ध जल पी सकें और अपने खेतों को पानी से संचित कर सकें। उन्होंने कहा कि पांच सालों में भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम किया गया है, लेकिन अभी और भी बहुत कुछ काम करने की जरूरत है।मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ ने भूगर्भ जल की स्थिति में पांच सालों में आए सुधारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भूगर्भीय जल को संरक्षित करने के लिए उतने ही जल का उपयोग करें, जितने की आवश्यकता है। हमको एक-एक बूंद की कीमत को समझना पड़ेगा। अमृत सरोवरों को बनाने के साथ ही पोखर, कुंओं, सरोवरों को पुनर्जीवित करना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया में यूपी की भूमि को सबसे उर्वर भूमि माना जाता है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में और अच्छे प्रयासों को करने की जरूरत है। जल है तो जीवन है। जल और जीवन के बीच के इस भाव को हर व्यक्ति समझता है लेकिन उसके उचित प्रबंधन के बारे में जो प्रयास होने चाहिए उसमें कहीं न कहीं वो व्यक्ति चूक जाता है। उन्होंने कहा कि आदिकाल से जल को भारतीय मनीषा ने बहुत पवित्र भाव के साथ देखा है। इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड के कल्याण की बात होती है तो जल के कल्याण की बात भी उसमें निहित होती है। जीव, जन्तु और सृष्टि की कल्पना जल के बिना नहीं की जा सकती है। पहले के लोग जल संरक्षण को पवित्र कार्य के रूप में मानते थे। नदियों को मां जैसा पवित्र भाव दिया। गंगा मैया के रूप में हमने भारत की सबसे पवित्र नदी को मान्यता दी। वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रमुख रूप से मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी सीडीओ संजय कुमार मीना अपर आयुक्त अजय कांत सैनी जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तोमर एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता जीडीए सचिव उदय प्रताप सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।