विप्र फाउंडेशन ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर दावा करते हुए राजनीतिक पार्टियों को 7 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा
जयपुर (अवधेश अवस्थी) विप्र फाउंडेशन ने विप्र कल्याण बोर्ड को विप्र कल्याण आयोग में परिवर्तित करने, अन्य आरक्षणों की तरह EWS आरक्षण के अंतर्गत भी सुविधा प्रदान करने तथा निर्वाचन के पश्चात पहले विधानसभा सत्र में 14% आरक्षण का प्रस्ताव लाने, गाय, गीता, गंगा और गायत्री के संरक्षण, स्वामी आत्मानंद सरस्वती के नाम से शिक्षा पुरस्कार करने, कोटा मेडिकल कॉलेज का नाम परशुराम मेडिकल कॉलेज करने, हिंदू रिलिजियस एक्ट बनाने, मंदिर माफी की जमीनों पर से अवैध कब्जा हटाने, संस्कार शिविर को विद्यालयों में अनिवार्य करने जैसी मांग की गई है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी.जोशी तथा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को संबोधित करते हुए संस्था ने इन मांगों को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की बात कही है. संस्था की ओर से कहा गया है कि यह मांगे सिर्फ ब्राह्मण समाज के नहीं बल्कि संपूर्ण प्रदेश एवं व्यापक जनहित में है. गौरतलब है कि विप्र फाउंडेशन ने राजस्थान की सभी 200 विधानसभा क्षेत्र में समितियां बनाई है, जिनके माध्यम से शत प्रतिशत मतदान करने का जागृति अभियान चलाया जाएगा.
संस्था ने कांग्रेस-भाजपा दोनों से समाज के 45 प्रतिनिधियों को टिकट देने की मांग की है. विप्र फाउंडेशन के प्रतिनिधि मंडल में राजस्थान जोन 1 अध्यक्ष एडवोकेट राजेश करनल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर शर्मा दौसा, जोनल पर्यवेक्षक उमेश तिवाड़ी, प्रदेश संगठन महामंत्री सतीश शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेंद्र हर्ष, युवा प्रकोष्ठ सह प्रभारी पवन नटराज, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष भारती शर्मा, विक्की के राजेश सारस्वत, जोन 1D प्रभारी धर्मेंद्र शर्मा युवा प्रकोष्ठ के महामंत्री सुशील पीर नगर,प्रदेश संगठन सचिव पुष्पेंद्र शर्मा, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक शर्मा सहित 31 सदस्य उपस्थित थे