मेरा माटी मेरा देश अभियान के तहत कन्या महाविद्यालय में हुआ अमृत कलश यात्रा का आयोजन
खैरथल (हीरालाल भूरानी )राजकीय कन्या महाविद्यालय टपूकड़ा में आज सोमवार को महाविद्यालय प्रांगण में सचिव युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय युवा कार्यक्रम विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के दिशा निर्देशानुसार व आयुक्तलय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर के आदेश अनुसार राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में अमृत कलश यात्रा का आयोजन किया गया। इस अमृत कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाकर प्राचार्य महोदया डॉ सुधा सुखवाल श्रृंगी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो.मनोज चोपड़ा ने बताया कि अमृत कलश यात्रा 1 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक महाविद्यालय में जारी है इसमें प्रत्येक महाविद्यालय छात्रा अपने घर से कुछ मात्रा में मिट्टी और चावल लेकर आई और उन चावल और मिट्टी को एक कलश में एकत्रित किया गया। मिट्टी और चावल को एकत्रित करने के दौरान प्रत्येक छात्रा ने देश के लिए बलिदान देने वाले बहादूरो का सम्मान करने और देश की रक्षा और प्रकृति के लिए खुद को समर्पित करने की प्रतिज्ञा भी ग्रहण की । इसके बाद संपूर्ण महाविद्यालय परिसर में स्वयं सेविका मिथलेश के नेतृत्व में समस्त छात्राओं द्वारा अमृत कलश यात्रा का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में तैयार किए गए इस अमृत कलश को अब ब्लॉक स्तर पर भेजा जाएगा। इस अवसर पर महाविद्यालय में नव पदस्थापित प्राचार्य डॉ सुधा सिखवाल श्रृंगी का भी महाविद्यालय छात्राओं द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत सत्कार किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ राजकुमार गोयल जी ने बताया कि मेरा माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत 9 अगस्त से 15 अगस्त 2023 तक भी महाविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम यथा अमृत वाटिका, वसुंधरा वंदन, वीरों का वंदन, पांच प्राण प्रतिज्ञा आदि कार्यक्रम भी एनएसएस के माध्यम से करवाए गए थे । इस अवसर पर प्रो डॉ उमा शर्मा ने देश की प्रगति में वीरों का बलिदान और आजादी के महोत्सव में उनकी भूमिका पर विस्तार रूप से प्रकाश डाला। प्राचार्य महोदय ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि हमें देश की आजादी में भूमिका निभाने वाले वीरों का सम्मान करते हुए उनके बताए हुए आदर्श और विचारों के रास्तों पर चलना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य स्टाफ सदस्य श्री प्रकाश चौधरी,सुरेश कुमार, नगेंद्र कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।