चेक अनादर मामले में अध्यापक दोषी करार: न्यायालय ने दी कारवास की सज़ा
जहाजपुर (आज़ाद नेब) चेक अनादर मामले में न्यायालय ने एक अध्यापक को दोषी करार देते हुए 11 लाख रूपये प्रति कर एवं एक साल कारावास की सजा सुनाई। एडवोकेट दीपक सिंह चौहान ने बताया कि सूरजभान सिंह पिता रघुवीर सिंह जाति राजपूत निवासी भरणीकलां से पांचा का बाड़ा निवासी अध्यापक रमेश चंद्र पिता गोरु लाल मीणा ने 8 वर्ष पूर्व 7 लाख रुपए उधार लिए थे। भुगतान पेट सूरजभान सिंह को 7 लाख रुपए का चेक दिया था। भुगतान का समय होने पर भुगतान पेट दिए गए चेक को बैंक में लगाया गया लेकिन अध्यापक रमेश मीणा के खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने से भुगतान नहीं हो पाया। जिस पर सूरजभान सिंह ने में अपने अधिवक्ता दीपक सिंह चौहान के जरिये परिवाद "न्यायालय से पेश किया जिस पर न्यायालय ने अध्यापक रमेश को दोषी करार देते हुए 11 लाख रूपये प्रति कर एवं एक साल कारावास की सजा सुनाई।