अस्पताल बना अव्यवस्थाओं का अड्डा: आमजन परेशान जिम्मेदार बने अनजान, आखिर कैसे होगा उपचार
भीलवाड़ा (राजस्थान/ राजकुमार गोयल) भीलवाड़ा के उपनगर पुर स्वास्थ्य केंद्र में सुचारू रूप से व्यवस्थाएं नहीं होने से आने वाले मरीज परेशान हैं अस्पताल का स्टाफ भी समय पर उपलब्ध नहीं रहता है वही जो ठेके के कर्मचारी लगे हुए हैं उनका व्यवहार मरीज व उनके परिवार जन के साथ अच्छा नहीं रहता है कहने को सरकार ने यहां ब्लड जांच करने हेतु ठेके के कर्मचारी बिठा रखे हैं लेकिन उन स्थानीय कर्मचारियों की मनमानी के चलते न तो समय पर उपलब्ध रहते हैं कुछ रहते हैं तो समय से पूर्व ही जांच करना बंद कर देते हैं तथा मरीजों के परिवार जन के साथ अभद्र व्यवहार करते है । ऐसा ही वाकया
राष्ट्रीय मानवाधिकार पर्यावरण सुरक्षा एवं भ्रष्टाचार निवारण संगठन के जिला अध्यक्ष रतनलाल आचार्य के साथ भी घटित हुआ जब वह उनकी पत्नी को बीमार होने पर डॉक्टर द्वारा लिखी गई जांच हिमोग्लोबिन व टाइफाइड की जांच कराने लगभग 11:45 pm पर जांच कक्ष में तैनात कर्मचारियों के पास पहुंचे तो उन्होंने सीधे तौर पर ही आचार्य को कहा कि आज जांच बंद हो गई है कल आना जिस आचार्य ने इसकी शिकायत स्टॉप इंचार्ज महेंद्र सिंह को की जिस पर इंचार्ज ने कहां की ठेके के कर्मचारी लापरवाह है तथा फोन कर कर्मचारी को जांच करने की कहा तब जाकर जांच की गई। इस तरह ठेकेदार द्वारा लगाए गए स्थानीय कर्मचारियों की मनमानी के चलते मरीजों व उनके परिवार जन को परेशान होना पड़ रहा है। कई बार सफाई कर्मचारियों से ही मरीजों के पट्टी व अन्य उपचार करवाए जा रहे हैं।
इसी तरह अस्पताल में मरीजों को ड्रिप चढ़ाने वाले रूम में दरारों की वजह से पटिया गिरने जैसी स्थिति है जिससे मरीजों व उनके परिवार जन को जान का खतरा बना हुआ है फिर भी अस्पताल प्रशासन द्वारा ऐसे स्थान पर ड्रिप चढ़ाई जा रहे हैं। कभी कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मरीज या अस्पताल प्रशासन। जिला अध्यक्ष रतनलाल आचार्य ने बताया कि हम जैसे जनहितार्थ आवाज उठाने वाले लोगों के साथ भी अस्पताल में ऐसा दुर्व्यवहार किया जाता है तो फिर आमजन के साथ क्या किया जाता होगा। उक्त घटना की जानकारी वह पत्र लिखकर उच्च अधिकारियों को देंगे वह यहां कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों की जगह दूसरे कर्मचारियों को लगाने की मांग करेंगे क्योंकि स्थानीय कर्मचारी लापरवाही के चलते किसी भी समय अस्पताल से घर व अन्य जरूरी कार्यों को निपटाने भी चले जाते हैं।