Rajasthan Assembly Elections 2023: चुनावी खर्च की सीमा 40 लाख, इससे ज्यादा उड़ाने वालों पर चुनाव आयोग रखेगा नजर
जयपुर (राजस्थान) विधानसभा चुनाव के लिए आयोग द्वारा नियुक्त व्यय पर्यवेक्षकों ने सोमवार को निर्वाचन व्यय से जुड़े प्रकोष्ठों की अजमेर कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक ली। इसमें जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ भारती दीक्षित और पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराया। आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल अहमदाबाद के आयकर कमीशनर दरसी सुमन ब्यावर, केकड़ी और मसूदा विधानसभा क्षेत्रों के लिए निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन व्यय लेखा रजिस्टर के संधारण का कार्य गम्भीरता से करने के लिए राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण नामांकन के तुरन्त बाद किया जाए। जिले के समस्त रिटर्निंग अधिकारियों को भी निर्वाचन व्यय लेखा रजिस्टर के संधारण के दिशा निर्देशों से अपडेट रखा जाए। निर्वाचन व्यय का पर्यवेक्षण राष्ट्रीय कर्तव्य समझकर करना चाहिए । निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया में अमीर और गरीब वर्ग के भेद को मिटाने के लिए यह कार्य किया जा रहा है। इससे समाज के प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति मतदान में भागीदारी निभा सकेंगे। उन्होंने कहा कि समस्त एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ काम कर प्रत्याशियों और राजनैतिक दलों का खर्चा निर्धारित करें । निर्वाचन व्यय के कार्यों की समीक्षा प्रति सप्ताह की जाएगी। प्रत्येक दल लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। प्रत्याशियों और राजनैतिक दलों के द्वारा अनुमति प्राप्त वाहनों के अतिरिक्त किसी वाहन का उपयोग पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। जब्त सामग्री को रिलीज करने की कार्रवाई जिला स्तरीय कमेटी से करवाने के लिए नियमिति बैठक की जाए। रेलवे और एयरपोर्ट का उपयोग अवैध चुनावी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। बड़े के साथ -साथ छोटे स्टेशनों के स्टाफ को भी संवेदनशील रहकर कार्य करने से निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया सम्पादित करवाने में सहयोग मिलेगा।