उदयपुर जिले को लेकर अभी भी मंथन में लगी भाजपा-कांग्रेस: बाहरी और स्थानीय के विवाद में उलझी कांग्रेस की दो सीटें
वल्लभ नगर और मावली में भाजपा की खोज जारी
उदयपुर, (मुकेश मेनारिया)। विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दल उदयपुर जिले को लेकर अभी भी मंथन में लगे हुए हैं। कांग्रेस जहां उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण और गोगुन्दा की सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है वहीं भाजपा मावली और वल्लभ नगर सीट पर अपना प्रत्याशी तलाशने में जुटी है।
उदयपुर शहर और उदयपुर ग्रामीण तथा गोगुन्दा सीट भाजपा का गढ़ रही है। इन गढ़ों को भेदना कांग्रेस को अभी भी मुश्किल नज़र आ रहा है। उदयपुर शहर सीट से भाजपा के गुलाब चन्द्र कटारिया पिछले 4 चुनावो से लगातार जीत हासिल कर रहे है, लेकिन इस बार उन्हें असम का राज्यपाल मनोनीत करने पर जहाँ भाजपा ने उनके स्थान पर ताराचंद जैन को उम्मीदवार घोषित किया है वही कांग्रेस अभी भी स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार के भंवर में फंसी है। मुख्यमंत्री यहाँ से अपने निकटतम दिनेश खोदनिया को उम्मीदवार बनाना चाहते है तो आलाकमान राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव
वल्लभ पन्त को यहां थोपना चाहते है। इधर इन दोनों को बाहरी बताते हुए स्थनीय कांग्रेस कार्यकर्ता इनका विरोध कर रहे हैं लेकिन जैन और ब्राम्हण उम्मीदवार के भंवर में फंसी अभी तक कोई निर्णय नही कर पाई है। इस देरी के चलते उदयपुर शहर और ग्रामीण दोनों सीटों पर पुनः भाजपा को जीतने में कोई कठिनाई नही दिखाई दे रही है। कांग्रेस हाईकमान के करीबी नेताओं में शामिल राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ पिछले कई महीनों से उदयपुर में डेरा डाले है। इस दौरान ऊपर से मिले संकेतों पर उन्हें कांग्रेस का उम्मीदवार कहा जाने लगा है जिसे स्थानीय कार्यकर्ता स्वीकार नहीं कर रहे है। यही हाल गोगुन्दा सीट का है जहाँ पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया को पुनः उम्मीदवार बनाने के विरोध के चलते कांग्रेस इस बार अवसर मिलने के उपरांत भी अंतरकलह के चलते यह सीट फिर गंवा सकती है।
इधर वल्लभ नगर और मावली सीट को लेकर भाजपा में भी पेंच फंसा है। मावली से इस बार धर्म नारायण जोशी को पुनः उम्मीदवार बनाने में भाजपा रूचि नहीं दिखा रही है। वहीं उपचुनाव में जमानत तक गवा चुकी भाजपा वल्लभनगर में इस बार फिर अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाने के लिए जीताऊ उम्मीदवार तलाश में जुटी है।