धनतेरस के अवसर पर सीएम ने किया बड़ा ऐलान ! दीपावली ही नहीं अब होली पर भी मिलेगा फ्री सिलेंडर
लखनऊ (उत्तरप्रदेश/ शशि जायसवाल) मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान -लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई एक और घोषणा को हमारी सरकार पूरा कर रही है। वर्ष 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्वला योजना की शुरुआत की तो देश से गैस की किल्लत समाप्त हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धनतेरस के अवसर पर प्रदेश की माताओं बहनों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने शुक्रवार को लोकभवन में प्रधानमंत्री उज्वला योजना के तहत प्रदेश के 1.75 करोड़ पात्र परिवारों के लिए निशुल्क रसोई गैस सिलिंडर रिफिल वितरण अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान पर योगी सरकार 2.312 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस मौके पर सीएम ने कहा कि होली के अवसर पर मार्च में हमारी सरकार एक बार फिर फ्री में गैस सिलिंडर देगी। इसलिए प्रधानमंत्री उज्वला योजना के सभी लाभार्थी अपने बैंक खातों को आधार से लिंक करवा लें। अभी 54 लाख लाभार्थियों के ही खाते आधार लिंक हैं। उन्होंने तेल कंपनियों के खाते में सब्सिडी की राशि भी बटन दबाकर भेजी।
सीएम योगी ने कहा कि विधान सभा चुनाव के दौरान लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई एक और घोषणा को हमारी सरकार पूरा कर रही है। वर्ष 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्वला योजना की शुरुआत की तो देश से गैस की कम समाप्त हुई। देखते ही देखते देश के अंदर 9 करोड़ 60 लाख परिवारों को पहली बार फ्री में गैस का कनेक्शन मिल पाया। इससे लगभग 50 करोड़ लोग लाभावित हुए उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने एलपीजी के लाभार्थियों को 300 रुपये सब्सिडी की अलग से सौगात दी है। आधार से लिंक होने के कारण सीधे उनके खाते में सब्सिडी का पैसा पहुंच रहा है। सीएम योगी ने कहा कि उला योजना के तहत गरीबों और वंचितों को एलपीजी के रूप में स्वस्थ ईंधन उपलब्ध करवाकर प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी आंखों साथ-साथ फेफड़ों को भी बचाने का कार्य किया है। सही मायने में उन्होंने लोगों को जीने की एक नई राह दिखाई है। कोरोना काल खंड में तो कितने लोगों की स्वस्थ ईंधन की वजह से जान बची। सीएम योगी ने कहा कि सब्सिडी के बाद आज के समय में केरोसिन, कोयला और लकड़ी से भी सस्ता ईंधन एलपीजी है। कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के 10 महिला लाभार्थियों को सब्सिडी का प्रतीकात्मक चेक दिया।
पहले लाइन में लाठी और घर पर मिलता था बेलन
वर्ष 2014 के पहले लोगों को गैस कनेक्शन लेने में ही भारी मशकत करनी पड़ती थी 25-30 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ जाते थे। कनेक्शन मिल जाए तो सिलिंडर के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती थी तब पुरुषों को लाइन में पुलिस की लाठी खानी पड़ती थी। उन्होंने तब की व्यवस्था पर व्यंग्य करते हुए कहा कि बिना सिलिंडर पर पहुंचने पर बेलन मिलता था। गरीब व्यक्ति गैस कनेक्शन के बारे में सोच भी नहीं पाता था वहीं महिलाओं को धुंए की वजह से कई बीमारियों का सामना करना पड़ता था।