कोई गलती की माफी मांग कर- लगा रहा है जीत की गुहार, कही मन पंसद टिकट नही होने से आपस में बनी हुई है रार
राजस्थान-हरियाणा का माफिया तलाश रहा हेै अवसर,,, भविष्य को लेकर आमजन के माथे पर चिन्ता की लकीर
पहाड़ी (डीग)- कामां विधान सभा सीट भरतपुर की चर्चित सीटो मे से एक सीट है। यहॉ 26 प्रत्याशीयो ने आवेदन भरे थे। जिनमे से 12 प्रत्याशी चुनाव मेैदान में है। मुकावला काग्रेस-भाजपा व निर्दलीय प्रत्याशी के बीच बताया जा रहा है। अन्य प्रत्याशी भी इस चुनाव में नऐ चेहरे के रूप में अपना भाग्य अजमा रहे है।
किस किस मे मुकावला - आमजन को त्रिकोनिय सधर्ष दिखाई दे रहा है। राजस्थान-दिल्ली तक विरोध के बाद काग्रेस की प्रत्याशी ने टिकट लेने में कामयावी हासिल कर विरोधीयो को करार जवाव दिया है।जो चुनाव मेंदान मेें अपने नाराज मतदाताओ के मनाने के लिए गलतीओं की क्षमा-याचना के साथ जनता के बीच रहने का भरोसा दिला कर जीत दिलाने की अपील कर रहे । वही भाजपा के टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं मे मतभेद तो आर.एस.एस के कार्यकर्ताओ में भारी नाराजगी नजर आ रही है।वही पिछले कुशासन से नाराज लोग निर्दलीय प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे है। कुछ प्रत्याशीयों के समर्थक कामां-पहाडी में खनन माफियॉं के आंतक से आगाह करते दिखाई दे रहे है। वही भाजपा के प्रचार प्रसार के लिए हरियाणा के लोगो को जमावडा बना हुआ है। जो काग्रेस के कुशासन-भ्रष्टाचार की बात कहकर अपने रिश्तेदार-मिलने वालो से भाजपा की पक्ष में मतदान करने की पुरजोर कोशिश कर रहे है।लेकिन कुछ मतदाता शांत दिखाई दे रहा है। वही मनपंसद प्रत्याशी नही होने के कारण नोटा की चर्चा करता दिखाई दे रहा है।
चुनाव का अन्तिम दोैर - चुनाव का अन्तिम दौर दीपावली के बाद देखने को मिलेगा। पूर्व के चुनाव हिन्दु- मुसलमान के नाम पर लडा जाता रहा हेै। लेकिन इस बार 36 विरादरी के लोगो ने इसको मिटाने की पहल तो की है। लेकिन सफलता मिलती दिखाई नही दे रही है हालाकि मुसलिम मतदाताओ की सख्या अधिक है। लेकिन इस बार केई मुशलिम प्रत्याशी मेैदान में है।लेकिन भाजपा में गुटवाजी के साथ साथ कार्यकर्ताओं में नीरसता दिखाई दे रही है। जिसका लाभ काग्रेस पार्टी को मिलता दिखाई दे रहा है।
अपराध का गढ़ - कामा विधान सभा का मेंवात क्षेत्र अपराध के मामले चर्चित क्षेत्र है यहॉ की थानो मे आऐ दिन अन्य राज्यो की पुलिस अपराधीयो की तलाश मेंं डेरा डाले रहती है। क्योकि यहॉ गौतस्करी-ठगी-खनन-चोरी-लूटपाट की घटनाऐ आमबात है।जिसमें स्थानिय पुलिस राजनेताओं की लिप्तता सामने आती रही है।चोरी की बाइको का चलन आमबात है।जिस पर पुलिस प्रशासन का अंकुश लगाने मे नाकम रहा है।
आमजन है बेचारा- मेंवात मे शान्ती पूर्ण जीवन यापन करने वाले आमजन अपने भविष्य को लेकर चितिंत नजर आने लगा है।क्योकि कामां को चारागाह समझ रखा है। जनता के बीच विकास की बात करने वाला नेता जीतने के बाद अपने विकास के दरवाजे खोल लेता है। यहॉ मुकावला कोई करता नही जो करता है उसे दबाने का काम किया जाता है। न्याय के नाम पर अपराधीयो को शरण तो खनन माफिया पर हाथ रखकर तिजोरियॉ भरने का करोबार हो शुरू हो जाता है।