थानागाजी से नारीशक्ति श्वेता शर्मा की बढ़ती चुनावी लहर, फैसला जन कल्याण का
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी श्वेता शर्मा ने कहा मुझे सिर्फ एक मौका दो: विधानसभा क्षेत्र थानागाजी की आन बान शान आपकी नज़रों में खिलेगी।
मातृशक्ति को अपने अधिकारों और शक्ति को पहचानने की अतिआवश्यक रूप से जरुरत है: श्वेता शर्मा
थानागाजी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नारीशक्ति श्वेता शर्मा ने विधानसभा क्षेत्र के टहला,गोलाकाबास, आदि दर्जनों भर, ग्राम पंचायत क्षेत्रों में जनसंपर्क किया जिसमें श्वेता शर्मा को माला,मत व रक्षक बनने का आशीर्वाद मिला इसी के साथ दुख्यारी जनता व जिसका कोई धरातल पर मालिक नहीं उन दुख्यारे जीवन यापन करने वाले प्राणियों से रूबरू होते हुए श्वेता शर्मा ने सुखद जीवन, स्वतंत्र आजादी, न्याय, अन्याय, धर्म, अधर्म, व जनता के हितों की बात कही और सुनी। इसी के साथ गरीब,मासूम परिवारों से मिलते हुए कहा की यह जनता नही यह मेरा परिवार है और मैं इस हालात में परिवार को नही देख सकती क्योंकि मैं एक नारीशक्ति हूं जिस प्रकार एक मां का कर्तव्य अपने बेटे के हितों के लिए बनता है, उसी प्रकार एक नारीशक्ति सेवक का बनता है , जब मेरा परिवार स्वयं की रक्षा के प्रति जागरूक नहीं होगा तब तक मेरा परिवार इसी हालात में जीवन जीता रहेगा,ओर मुझसे सहा नही जाएगा अगर मेरा थानागाजी विधानसभा परिवार ने मेरा अपना समझते हुए मुझे अपने योग्य बनाने की मन में ठान बनाली तो यह मेरा सौभाग्य की बात है की मेरा जीवन थानागाजी परिवार के हितों में गुजार सकू और आने वाले दिनों में धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों मे सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो के बारे में बताते उन्होंने दुखी जीवन यापन करने वाली जनता के बारे में बहुत कुछ सोचा समझा और सीखा तथा कहा आने वाली 25 नवंबर (शनिवार) को मुझे अपना थानागाजी परिवार का आशीर्वाद बनाए रखते हुए अधिक से अधिक मत व समर्थन देकर मुझे अपना परिवार का रक्षक रखवाला बनाने के लिए साईकिल के सामने वाला बटन दबाकर घोषित करें: श्वेता शर्मा समाजवादी प्रत्याशी।
निर्धन व असहाय जीव की सेवा का अवसर एक सौभाग्यशाली प्राणी को ही मिलता है ओर जिस प्राणी ने सेवा मार्ग को अपनाने की मन में सोच बनाली है उसका समय निश्चित ईश्वर के हाथों होता है: दुख्यारे परिवार
नारीशक्ति में जितनी मर्यादा, धैर्य, न्याय को न्याय,अन्याय को अन्याय, धर्म को धर्म, अधर्म को अधर्म, दोषी को दोषी, निर्दोष को निर्दोष, पीड़ितों, दुखी जीवन जीने व प्राणियों की गरिमा एक नारीशक्ति में ही समाहित होती है ना की पुरुष में और जन कल्याण एक नारीशक्ति की शक्ति से ही निश्चित है ना किसी पार्टी ना किसी निर्दलीय से, बस शक्ति होनी चाहिए नारीशक्ति में क्योंकि आइना एक सकल दिखा सकता है लेकिन कुछ करना आत्मा व मन पर निर्भर होता है : आमजन
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