पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण के बाद संरक्षण करना भी जरूरी - विश्नोई
धोरीमन्ना (भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल) जिस प्रकार शरीर को पोषण के लिए भोजन की आवश्यकता होती है,ठीक उसी प्रकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेङ-पौ़धों की आवश्यकता होती है।पेङ-पौधे पर्यावरण की अशुद्धियों को सोख लेते हैं और हमें शुद्ध प्राणदायिनी वायु देते हैं।इसकी निरंतरता बनाये रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेङ-पौधे लगाने चाहिए।यह कहना है पुरस्कृत शिक्षक फोरम बाङमेर के उपाध्यक्ष व राउमावि पाबूबेरा में कार्यरत स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई का।उन्होंने शुक्रवार को छात्र छात्राओं व स्टाफ के साथ मिलकर विद्यालय प्रांगण में पौधारोपण अभियान चलाया।इस दौरान पौधारोपण कर उनका संरक्षण करने का भी संकल्प लिया।
विश्नोई ने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनसे पृथ्वी पर ऋतु चक्र बना रहता है। ऋतु चक्र को संतुलित बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना और उनका संरक्षण करना अनिवार्य है। हमें पौधे का पेड़ बनने तक बच्चों की तरह संरक्षण करना चाहिए। पौधा पेड़ बनकर हमें फल देता है। वहीं एक पेड़ सैकड़ों जिंदगियां बचाने में सक्षम होता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अज्ञानता और स्वार्थ के चलते पेड़ों की कटाई कर देते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
पेड़-पौधे पशु-पक्षियों के प्राकृतिक आवास हैं। मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने से अनेकों पशु-पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। वहीं पेड़ों की कटाई से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। इसका असर पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना प्रत्येक मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी है। इसके लिए हमें आगे आना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें अपने जीवन में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।