भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं का गुट है विपक्षी गठबंधन: अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले नेताओं का एक गुट करार दिया जिनके पास कोई साझा विचारधारा या राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले नेताओं का एक गुट करार दिया जिनके पास कोई साझा विचारधारा या राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए ठाकुर ने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी हार की हताशा के कारण ही संसद के शीतकालीन सत्र को बाधित किया। संसद का शीतकालीन सत्र बृहस्पतिवार को संपन्न हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा, कहां है गठबंधन? वे पंजाब में जूझ रहे हैं, वे अन्य राज्यों में जूझ रहे हैं। वे एक स्वर में बात नहीं कर सकते। ये भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोगों का एक गुट है, जो एकसाथ आ गए हैं।
ठाकुर ने कहा, उनके पास कोई साझा विचारधारा नहीं है, उनका कोई एक साझा कार्यक्रम नहीं है और न ही उनका कोई साझा उम्मीदवार है। कोई इंडिया गठबंधन नहीं है। संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन पर मंत्री ने कहा कि वे उन गतिविधियों के लिए निलंबित हुए हैं, जो ‘लोकसभा अध्यक्ष द्वारा प्रतिबंधित’ की गई थीं। ठाकुर ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने नयी संसद इमारत के लोकसभा व राज्यसभा कक्ष के भीतर तख्तियां नहीं ले जाने पर सहमति जताई थी। ठाकुर ने कहा, जब हमने नए संसद भवन में प्रवेश किया तो सभापति ने सभी से नई परंपराओं के साथ शुरुआत करने का अनुरोध किया था।
किसी को भी आसन के सामने नहीं आना चाहिए, किसी को कागज फाड़कर आसन पर नहीं फेंकना चाहिए और किसी को भी तख्तियां सदन के अंदर नहीं लानी चाहिए। मंत्री ने कहा, तीन चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद वे (विपक्षी दल) हतोत्साहित हो गए और सत्र के बहिष्कार करने का कारण ढूंढ़ रहे थे। ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को आम आदमी से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस में भाग लेना चाहिए था।उन्होंने कहा, लेकिन उनका आम आदमी से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस ने कभी नहीं चाहा कि सत्र आगे बढ़े, उसने कभी इसमें भाग लेना नहीं चाहा।