समय का चक्र है कभी रुकता नहीं है - स्वामी कमलदास जी बापू
अलवर (अनिल गुप्ता)
अलवर: मालाखेडा बस स्टैंड के श्री जोडा वाले हनुमान मंदिर में चल रही 7 दिवसीय संगीत मय श्री शिव महापुराण कथा के आठवें दिन सुबह हवन किया गया तथा कन्याओं को भोजन कराया गया। हवन करने वालों में कार्यक्रम के प्रमुख यजमान श्री महेन्द्र कुमार शर्मा पत्नी श्री मनीषा शर्मा. श्री राम सिंह गौड़ पत्नी श्री सुनीता गौड़. श्री रावेन्द्र सिंह सह पत्नी. श्री शिवांशु जांगिड़.श्री शिव चरण शर्मा. श्री ओमप्रकाश हींग वाला मंदिर के पुजारी श्री केदार जोशी. श्री हरिहर चौधरी तथा हजारों की संख्या माताओं बहनों ने हवन में आहुति दी । हवन करवाने वाले श्री चित्रकूट धाम उत्तर प्रदेश से पधारे श्री शिवमहापुराण कथा के राष्ट्रीय कथा वाचक स्वामी कमलदास जी बापू एवं बापू जी की धर्मपत्नी श्रीमती ज्ञानवती देवी मिश्रा रहीं दोनों ने मिलकर बड़े विधि विधान से हवन करवाया जिसकी लोगों ने भूरि भूरि प्रसंसा की । बापू ने आज आठवें दिन एक उदाहरण देते हुए कहा कि समय का चक्र है वह कभी भी रुकता नहीं है वह तो 24 घंटा अनवरत रूप से चलता ही रहता है वह हमारे को नई नई प्रेरणा भी प्रदान करता रहता है जब हम मोर को नृत्य करते हुए देखते हैं तब अपनी आप उसके रंग बिरंगे पंख हैं हमारे को एक नया संदेश प्रदान करना प्रारंभ कर देती है हम भी अपने आपको रंग बिरंगे सपनों के साथ आगे बढ़ाना प्रारंभ कर सकते हैं समय का चक्र जब चलता है तब वह क्या पता क्या का क्या करवा देता है हमारे को भी पता नहीं लगता है समय के चक्र के सामने हर व्यक्ति को अपने आप ही नतमस्तक होना ही पड़ता है जब बुरा वक्त आता है तब समय हमारे को और ज्यादा सावधान रहने की प्रेरणा प्रदान करना प्रारंभ कर देता है बुरे वक्त के समय जो व्यक्ति अपने आप को संभालना प्रारंभ कर देता है उस व्यक्ति के जीवन कें अंदर बुरा वक्त है वह मिनटों में कब समाप्त हो जाता है पता ही नहीं लगता है बुरे वक्त के समय व्यक्ति चिंतित होना प्रारंभ हो जाता है थोड़ा सा समय है अभी उसके लिए बहुत ज्यादा भारी नजराना प्रारंभ हो जाता है इसलिए वक्त के परवाह कभी भी नहीं करनी चाहिए समय का चक्र है यह तो चलता ही रहता है कभी भी व्यक्ति को अपने जीवन के अंदर धन और बल इसके ऊपर अहंकार की भावना कभी भी अपने मन के अंदर लाने का प्रयास नहीं करना चाहिए यदि अहंकार आ गया है तो यही धन और बल है तुम्हारे लिए और ज्यादा विनाशकारी दृश्य उत्पन्न करने वाला बन सकता है इसलिए समय का चक्र है यह चलता रहता है इसके साथ के अंदर तारतम्यता में भाव स्थापित करके आगे बढ़ते रहना ही हमारे जीवन की सबसे बड़ी चुनौती और सफलता के रूप में उभर कर आने वाली बात बन सकती है।आचार्य तुलसी ने एक बार निंबीजोधा गांव में हनुमान मंदिर के प्रांगण में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा था समय का चक्र होता है यह बड़ा ही विचित्र होता है कब व्यक्ति को कौन से बहाव में लेकर चला जाता है उसका पता नहीं लगता है समय का चक्र जब चलता है तब काजी है वह पाजी बन जाता है और जो पाजी होता है वह का जीवन के हुए भी देरी नहीं लगाता है इसलिए समय के साथ अपने आप को आगे बढ़ाने वाला व्यक्ति समय का मूल्यांकन करने में सफलता प्राप्त कर सकता है।