केवल चीन का ही नहीं चीन के मांझे का भी बहिष्कार करना जरुरी है
लक्ष्मणगढ़ (अलवर)कमलेश जैन
15 जनवरी को मकर संक्राति है । मकर संक्रांति तिल गुड़ की मिठास के साथ पतंगबाजी के उत्साह से भरा पर्व है। इस पर्व पर पतंग उड़ाने की परंपरा है।
पतंगबाज चीनी मांझा का इस्तेमाल कर रहे हैं। और यह मांझा न सिर्फ पतंग बल्कि लोगों की जिंदगी भी डोर भी काट रहा है।
चाइनीज मांझा न सिर्फ इंसानों के लिए बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी बहुत खतरनाक है और हर साल सैकड़ों पक्षी इसमें फंसकर अपनी जान गंवा देते हैं। दरअसल पतंगबाजी का मजा लेने वाले बच्चे व बड़े आपस में पतंग को लड़ाकर उसका मजा लेते हैं। पतंग लड़ाने के लिए लोग डोर को कटने से बचाने के लिए मजबूत धागे के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं। चाइनीस मांझे पर दुकानदार प्रतिबंध के बावजूद भी चोरी छिपे बेचते हैं।
यह मांजा कांच, लोहे के पाउडर और कई अन्य रसायनों के साथ लेपित है। इस वजह से मांझा और भी तीखा और जानलेवा हो जाता है। चाइनीज मांझा साधारण मांझा की जगह स्ट्रेचेबल होता है यानी टूटने की बजाय खिंचता रहता है। इतना ही नहीं चीनी मांझा में धातु के चूर्ण के प्रयोग से यह विद्युत का सुचालक होता है। अर्थात इसमें से करंट प्रवाहित हो सकता है ।और इसलिए बिजली के झटके का खतरा रहता है। लेकिन इसके खतरों से वाकिफ होने के बावजूद आज बाजार में इसकी काफी मांग है। क्योंकि जब लोग पतंग उड़ाते हैं तो चाहते हैं कि उनकी पतंग न कट जाए और वे दूसरों की ज्यादा से ज्यादा पतंगें काट सकें।
राज्य सरकार चाइनीज मांझे पर बैन लगा चुकी है। और प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। हर साल पंतग के सीजन के दौरान चाइनीज मांझे का जिक्र होता है पर बाद में लोग व शासन इसे भूल जाता है । कई लोगों का मानना है कि यह मांझा चीन से आता है और अब चीनी सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है। इसलिए इस पर बैन लगाया गया है।
पुलिस हर साल समय समय पर मांझे को लेकर नोटिफिकेशन जारी करती है। जहां भी बिक्री होती है, पुलिस एक्शन लेती है। चूंकि पतंग कटने के बाद हवा में उड़ता हुआ मांझा हादसे की वजह बनता है। ऐसे में पुलिस के सामने पतंग उड़ाने वाले का पता करना बड़ी चुनौती होती है। आखिर यह पतंग कहां से कटकर आई है। कौन उड़ा रहा था। अगर किसी को चाइनीज मांझे की बिक्री के बारे में पता चले तो फौरन पुलिस को सूचना देना चाहिए । हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य सरकार ने चाइनीज मांझे से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह बैन लगाया है। राज्य सरकार ने चाइनीज मांझे की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी थी। इस बार भी राज्य सरकार ने मकर सक्रांति के अवसर पर चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगा दी है । पर पतंगबाज़ नहीं सुधर रहे और न ही बेचने वाले ।