मातृ सम्मेलन का किया आयोजन : बच्चों के संस्कारों में प्रमुख भूमिका निभाती है मां-
कोटपुतली कस्बे के रामलीला मैदान स्थित शिशु वाटिका में गुरुवार को मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आदर्श शिक्षा समिति जयपुर के व्यवस्थापक रामदयाल सैन ने विद्या भारती के उद्देश्य और पृष्ठभूमि को रखते हुए विद्या भारती विद्यालय में बालकों के प्रवेश पर जोर दिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि समाज सेविका डॉ शानू यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में मां का दर्जा सबसे ऊपर रखा गया है और मां ही है, जो बच्चे के उच्च संस्कारों में प्रमुख भूमिका निभाती है तथा बच्चों को संस्कारवान निष्ठावान बनाकर जीवन जीने की कला सिखाती है। मां ही बच्चे की प्रथम गुरु है। मगर आधुनिक युग में भारतीय संस्कृती अपना वर्चस्व खो रही है। जिसका प्रमुख कारण जीवन में बढ़ता मोबाईल ट्रेंड। आज मां अपने बच्चों को बच्चे ना समझ कर फ्रेंड का ट्रेंड चलाती है, जिससे बच्चे प्राय गुमराह हो रहे हैं और समाज को गलत दिशा की तरफ अग्रेषित कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पावटा-प्रागपुरा नारपालिका चेयरमैन श्रीमती उर्मिला अग्रवाल ने कहा कि मातृशक्ति के जागरण से ही भारत पुनः श्रेष्ठ एवं महान बन सकता है। इस अवसर पर नन्हे-मुन्ने बालकों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान पूर्व जिला संघचालक पुरूषोत्तम कृष्ण मिश्रा, व्यवस्थापक डॉ किशनलाल शर्मा,सहव्यवस्थापक महेश पारीक, मुरली राम गुर्जर, विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार टांक, शिशु वाटिका प्रभारी श्याम सुंदर शर्मा, रामसिंह जाट, अध्यापक शीशराम जाट, सत्यनारायण पारीक, पूजा, बबिता सहित समस्त विद्यालय स्टाफ एवं बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रही।
- बिल्लूराम सैनी