चंद्रप्रभु भगवान व पार्श्वनाथ भगवान का जन्म व तप कल्याणक भक्ति भाव से मनाया
लक्ष्मणगढ़ (अलवर)
दिगंबर जैन मंदिर मे वीर निर्वाण संवत 2550 पौष माह कृष्ण पक्ष एकादशी रविवार आज भक्ति भाव से मनाया गया ।जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 चंद्रप्रभु भगवान एवं 23वें तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 पारसनाथ भगवान का जन्म एवं तप (दीक्षा) कल्याणक मनाया गया। जैन मंदिर में प्रात: मोंटू जैन एवं धीरज जैन द्वारा सर्वप्रथम भगवान का अभिषेक किया। जिसके पश्चात विशेष पूजा अर्चना की गई। प्रातः तीर्थंकरों के अभिषेक के बाद विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए शांतिधारा की गई। पूजा अर्चना कर पूजा के दौरान मंत्रोच्चार के साथ दोनों तीर्थंकरों के जन्म व तप कल्याणक अर्घ्य चढ़ाए गए। उल्लेखनीय है कि हजारो वर्ष पूर्व बनारस नगरी उत्तर प्रदेश में दोनों तीर्थंकर भगवान का जन्म एवं तप(दीक्षा) कल्याणक हुआ था। तब से ही जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा आज के दिन जन्म तप कल्याणक महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- कमलेश जैन