उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर माउंट आबू के नाम को आबुराज करने का किया आग्रह
आधुनिक माउंट आबू को प्राचीनतम आबुराज ( आबू पर्वत )की पहचान देने के लिए दिया ज्ञापन
सिरोही -रमेश सुथार
आबुराज से रामराज मोटरसाइकिल वाहन यात्रा का राजधानी पिन्कसिटी जयपुर में स्वागत महिला सशक्तिकरण के प्रणेता और राजस्थान सरकार की उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी जी तथा सहयोगीगणों द्वारा किया गया, श्रीराम यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं समर्पित की जय श्रीराम के नाम से... इस यात्रा में दिलीप पटेल की मोटरसाइकिल के साथ रामरथ कार में देव चौहान व विशाल भी साथ है दिलीप पटेल सिरोही ने इससे पूर्व भी वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश सरकार के नेतृत्व में सिंहस्थ कुंभ एवम् वर्ष 2018 में असम सरकार के नेतृत्व में आंबुबांची मेले के प्रचार प्रसार व मंत्रियों और आमजन को इन मेलों में आने का न्यौता देने के लिए सम्पूर्ण भारत में मोटरसाइकिल यात्रा कर चुके है। व उसके बाद आमजन से देश के सिपाही के लिए एक लाख खतो' जवानों के लिए संदेश यात्रा ' में अपने प्रेम स्नेह को सिपाही तक पहुंचाने के लिए सिरोही से लोंगेवाला बॉर्डर तक की यात्रा की ओर उसके बाद भी यह यात्रा निरंतर किसी ना किसी माध्यम से बढ़ती जा रही है ।
इस अवसर पर श्रीराम यात्रा के वाहक सिरोही आबू पर्वत ब्रांड प्रमोटर सिरोही व महाराणा प्रताप स्मारक समिति ब्रांड एंबेसडर रामभक्त दिलीप पटेल ने मानश्री को यात्रा का उद्देश्य तथा आबूराज का विशेष महात्म्य तथा माउंट आबू का नाम बदलकर आबुराज रखने का ज्ञापन प्रेषित कर निवेदन किया जिसके पश्चात सरकार द्वारा उचित निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया। साथ ही ज्ञापन में दिलीप पटेल सिरोही ने बताया कि..
राजस्थान के अर्बुदारण्य क्षेत्र जिसके पुराण काल से यहां स्थापित होने के प्रमाण है उसी क्षेत्र में राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल जिसे आबू पर्वत कहा जाता हैं जो की आस्था की दृष्टि से भी काफी विशेष है। जिसे मॉर्डन भाषा में माउंट आबू कहा जाता है। यह गुजरात की सीमा से सटे सीमावर्ती जिले सिरोही जिले में राजस्थान का सबसे ऊंचा स्थल है, जहां अरावली पर्वत माला की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर भी है। कहा जाता है की अंग्रेज शासनकाल में यह क्षेत्र राजस्थान का सबसे सर्द क्षेत्र होने के कारण से शीतकालीन माह में अंग्रेज यहां आया करते थे।
उन्होंने नाम माउंट आबू रखा। माउंट आबू को आबू पर्वत भी कहा जाता है। आबूपर्वत (आबूराज) की अनगिनत विशेषताएं है।
1. आबूराज में विराजमान रघुनाथ जी के अवतार प्रभु श्री राम की प्रतिष्ठित एवं स्वयंभू 720 वर्ष पूर्व आदि जगत गुरु श्री रामानंदा जी द्वारा स्थापित की गई है।
2. भारत का दूसरा ऐतिहासिक मंदिर जहां प्रभु श्री राम रघुनाथ जी के अवतार में विराजित है।
3. सप्तऋषि में से एक गुरु वशिष्ठ के गौमुख आश्रम के प्राचीनतम होने के प्रमाण।
4. आबू पर्वत पर स्थित प्रभु श्री राम के गुरु ऋषि वशिष्ठ मुनि जी द्वारा प्रकटय गौमुख तीर्थ आश्रम।
5. आबू पर्वत पर अरावली पर्वत माला के सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर ( दत्तात्रेय भगवान), अर्बुदांचल (अर्बुदा माता शक्तिपीठ), अचलगढ (अचलेश्वर महादेव मंदिर), व देलवाड़ा जैन तीर्थ है।
6. आबुराज देवी - देवताओं व साधु संतो की तपोभूमि है।
ऐसी अनेक विशेषताओं से जाना जाता है, आबू पर्वत।
आबू पर्वत पर अनादिकाल से साधु संतो की तपोभूमि रही है। देवी देवताओं का स्थान रहा है। ऐसे में आबू पर्वत को माउंट आबू के नाम से संबोधित किया जाता है एवं जाना जाता है। इसलिए सभी की ओर से आग्रह ज्ञापन लिखकर दिया की माउंट आबू का नाम बदल कर आबूराज किया जाए। जिससे की देश भर में आबूराज को पूरे विश्व में एक तीर्थ के रूप भी पहचान मिले। साथ यह भी आग्रह किया की आबू पर्वत धार्मिक स्थल है जिसकी परिक्रमा आबू पर्वत क्षेत्र एवं चारो ओर से हर वर्ष लाखो श्रद्धालु परिक्रमा करते हुए परिक्रमा स्थल पर स्थित मंदिर में दर्शन हेतु आते है। आबू पर्वत क्षेत्र में जाने हेतु एक ही मार्ग होने से श्रद्धालुओं को काफी समस्या होती है। अत: यह भी निवेदन रहेगा की आबूपर्वत क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए। जिसके पश्चात सरकार ने सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया।