"कुमकुम पगलिये पधारो म्हारी मां..." पर थिरके कदम:गुजराती गरबा गायकी पर माता की आराधना में युवक- युवतियों ने किया गरबा नृत्य
सिरोही। रमेश सुथार
शहर के हृदय स्थल रामझरोखा मैदान में जगदम्बे नवयुवक मंडल सिरोही के तत्वावधान में नवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर युवक-युवतियों ने गुजराती गरबा गीतों पर आस्था व भक्ति से नृत्य करते हुए कुमकुम पगलिये पधारो म्हारी मां... और गणपति आयो पप्पा... आदि भक्ति गीतों पर कदम से कदम बढ़ा गरबा नृत्य करते हुए माता का आवाहन किया।
रविवार रात्रि को देवनगरी के हृदय स्थल रामझरोखा मैदान सिरोही में गरबा रास शुरूआत के साथ युवक युवतियों ने गरबा गीतों पर थिरकते हुए गुजरात के कुमकुम बिट्स आर्केस्ट्रा पार्टी के गायक कलाकार रविसिंह राजपूत और गायिका जूली पटेल की सुरसंध्या में गोते लगाकर कदम से कदम मिलाए। प्रथम दिवस शाम को राजगुरु महंत सीतारामदास महाराज के कर कमलो से आरती के साथ नृत्य पंडाल में दीप प्रज्वलन व श्रीफल फोड़कर आयोजन का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर महंत व मंडल के सलाहकार भूपत भाई देसाई का मुख्य संरक्षक सुरेश सगरवंशी,संरक्षक गिरीश सगरवंशी,अध्यक्ष प्रकाश खारवाल, लोकेश खंडेलवाल, रणछोड़ पुरोहित आदि ने स्वागत किया। डिजिटल साउंड सिस्टम और एलईडी डिस्प्ले चलचित्रों पर गरबा गीतों की स्वर लहरियां बजने के साथ युवक- युवतियों ने अपने कदमों को नृत्य पंडाल की ओर बढ़ाया। इस मौके पर पारंपरिक गरबा गीतों में "खेल खेल रे भवानी मां जय जय अंबे मां..." व "गणपति आयो बप्पा आदि गरबा गीतों के साथ आधशक्ति की आरती में भक्तो ने उत्साह से भाग लिया। इस मौके पर मंडल के गांधीभाई पटेल, विजय पटेल, प्रकाश प्रजापति, दिनेश प्रजापत,रूपेंद्र शर्मा, तगसिंह राजपुरोहित, सज्जनसिंह राजपुरोहित, परबतसिंह, हरीश खत्री,महेंद्र सूर्यवंशी आदि ने व्यवस्थाएं संभाली।
मां की प्रतिमा ने मनमोहा -
पंडाल में नो दिनों तक चलने वाले दुर्गा सप्तशती पाठ व जाप की पंडितो द्वारा शुरुआत की गई, पंडाल मे विराजमान प्रतिमा जो अष्ट भुजाधारी माता ने अस्त्र शस्त्र धारण कर रखे हैं तथा शेर पर सवार होकर राक्षस महिषासुर का वध करते दिखाया गया है,यह मूर्ति बंगाल के कुशल मूर्तिकार ने तालाब की पवित्र माटी से निर्माण की है जिसमें किसी भी प्रकार के केमिकल कलर या पीओपी का प्रयोग नहीं हुआ है।