खैरथल में सरकारी प्रतिबंध के बाद पॉलीथिन का चल रहा है खुला खेल: जिला प्रशासन मौन, पर्यावरण को नुक्सान
खैरथल ( हीरालाल भूरानी )
कस्बे में एक सरकार ने पॉलीथिन पर लगाया प्रतिबंध कितना कारगर हो रहा है इसका नमूना यहां के लगभग सभी बाजारों में देखने को मिल रहा है। जिला मुख्यालय होने के बाद व नगरपरिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से स्वस्थ भारत अभियान को गहरा धक्का लग रहा है। वहीं मूक पशु पालीथिन का आहार कर काल का ग्रास बन रहे हैं।
यहां सब्जी मंडी, किराना बाजार,हलवाई सहित खान पान का सामान बेचने वाले व्यापारी भी धड़ल्ले से खुले में रख कर सामान ग्राहकों को परोस रहे हैं। लेकिन नगरपरिषद के अलावा किसी विभाग ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की है। नगरपरिषद पिछले दो सालों से कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यहां थोक में चाहे जितनी पालीथिन लेना चाहे उपलब्ध है। रोजाना दिल्ली से ट्रकों में भरकर माल खैरथल पहुंच रहा है। यहां से आसपास के ग्रामीण इलाकों में खुले में पॉलीथिन सप्लाई हो रही है। इस संबंध में नगरपरिषद के कमिश्नर श्याम बिहारी से बात की तो उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस ओर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया कि पॉलीथिन की वजह से जहां मूक पशु काल का ग्रास बन रहे हैं वहीं शहर की नालियां भी चौक हो जाती है।