कृषि उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक योगेश कुमार शर्मा ने किया विभिन्न गांवों का दौरा
किसानों को जैविक खेती अपनाने एवं तैयार फसलों को सर्दी से बचाव के उपचार बताये
वैर। सवाई माधोपुर उद्यान विभाग के उप निदेशक चंद्र प्रकास बड़ाया ने जानकारी दी कि योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान भरतपुर संभाग के सानिध्य में राजेंद्र बैरवा, सहायक कृषि अधिकारी के साथ पंचायत समिति बोंली के थडी़, भेंडौली, जनून इत्यादि गांवों का दौरा किया गया। इस क्षेत्र में जायद के मौसम की कद्दू वर्गीय फसलें जैसे लौकी, खरबूज, तरबूज, ककड़ी इत्यादि बहुतायत से पैदा की जाती हैं।
इसके लिए किसान लो टनल का प्रयोग करते हुए बोआई दिसंबर माह के अंत में कर देते हैं। जो किसान उच्च तकनीक लो टनल का प्रयोग नहीं कर पाते हैं, वो देशी तरीके से मूंज के कूंचे बनाकर फसल को सर्दी से बचाने की व्यवस्था करते हैं। अगेती फसलोत्पादन होने के कारण, किसानों को इससे अच्छा मुनाफा मिल जाता है। गांव भेंडोली में वर्षा आधारित तारामीरा की फ़सल का अवलोकन करते समय किसान सूरज मीणा ने बताया कि तारामीरा की फ़सल जैविक होती है, इसलिए इसमें मधुमक्खियों का विचरण बहुत अधिक संख्या में होता है।
इससे स्पष्ट पता चलता है कि वैज्ञानिक , कृषि विभाग ही नहीं बल्कि मधुमक्खियां भी मानव जगत को यह समझाने का प्रयास कर रही हैं कि जैविक फसलोत्पादन प्राणी जगत के लिए ना केवल लाभदायक है, बल्कि मधुमेह, ह्रदय आघात, तनाव तथा रक्तचाप से बचने के लिए आवश्यक हो गया है। अगर अब भी हमने जैविक खेती की और ध्यान नहीं दिया तो फिर प्राणी जगत का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इस दौरान क्षेत्र में उद्यान विभाग द्वारा किसानों के यहां अनुदान पर स्थापित करवाए गए ग्रीन हाउसों का भी अवलोकन किया गया।