महंत माधव दास महाराज सहित अन्य संत महात्माओं ने बसंत पंचमी पर चौरासी धूनी तप का किया शुभारंभ
रैणी (अलवर / महेश चन्द मीना) प्राचीन काल में अलवर जिले की राजधानी रहे माचाड़ी कस्बे के नंगेश्वर धाम आश्रम पर बसंत पंचमी के पावन पर्व पर श्रीमहंत माधव दास महाराज व उनके सानिध्य में अनेक साधु संतों ने चौरासी धूनी तप का शुभारंभ किया।
श्रीमहंत माधव दास महाराज ने बताया कि यह तप बसंत पंचमी से ज्येष्ठ के दशहरे (चार माह) तक चौरासी धूनी के बीच बैठकर अग्नि के समक्ष तप किया जाता है। धूनी तप के शुभारंभ से पहले पंडित रामस्वरूप शर्मा द्वारा पूजा अर्चना व हवन किया जाता है। उसके बाद भंडारा किया जाता है तथा चार माह बाद ज्येष्ठ के दशहरे पर समापन के दौरान पूजा अर्चना व हवन-यज्ञ कर भंडारा किया जाता है।
बसंत पंचमी महापर्व सभी जगह बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विधालयो में सरस्वती पूजन के साथ और बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ मनाया जाता है। दुकानदार भी इस पर्व को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। बसंत पंचमी के दिन नंगेश्वर धाम आश्रम पर पंडित रामस्वरूप शर्मा द्वारा पूजा अर्चना करवाकर भंडारे का आयोजन किया गया। उसके बाद धूनी तप शुरू किया। इस अवसर पर संत मधुसूदन त्यागी महाराज, धर्मदास, श्याम दास, रामदास, रामेश्वर दास एवं सद्दा बाबा, चंदन दास, रघुनाथ दास,ओम दास भगत, पंडित मधुसूदन शर्मा, मंडल अध्यक्ष बनवारी लाल मीणा, किशन बटवाडा, नवल रावत, गजवीर सिंह, गिरिराज सिंह, बाबू सिंह धिरी, महेंद्र सिंह, रतनलाल सैनी, भोलू सैनी, श्रीनारायण सैनी ठेकेदार, बृजवासी गौरक्षक सेना के जिलाध्यक्ष नागपाल शर्मा, देवकरण सैनी, मोती सैनी, नेतु सैनी, प्रधानाचार्य कैलाश मीणा, मनोहर लाल शर्मा, महेंद्र शर्मा, अंजु गोयल सहित काफी संख्या में महिला पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे। मिडिया को यह सारी जानकारी माचाडी से नागपाल शर्मा के द्वारा दी गई है।